इससे पहले डॉ हीरालाल अलावा ने 30 नवंबर को ट्वीट कर कहा था कि प्रदेश का प्रसिद्ध अखबार सांझा लोक स्वामी सच को सच कहने और लिखने की हिम्मत और हौसला रखता है। उसके ठिकानों पर छापा पड़ना एक स्वतंत्र पत्रकारिता की आवाज को दबाने का प्रयास है जिसकी जयस घोर निंदा करता है।
ब्लैकमेलर जीतू सोनी के ठिकानों को पुलिस ने तहस-नहस कर दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है। ऐसे में कांग्रेस विधायक के बदले सुर ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। क्योंकि जीतू के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में बीजेपी ने भी कुछ नहीं कहा था। लेकिन कांग्रेस विधायक के द्वारा ही विरोध किए जाने के बाद सरकार असमंजस में है। बताया जाता है कि डॉ हीरालाल अलावा मंत्री न बनाए जाने से आहत हैं।
दरअसल, डॉ हीरालाल अलावा दिल्ली एम्स में डॉक्टर थे। अलावा वहां से इस्तीफा देकर मध्यप्रदेश लौटे और अपना जय आदिवासी युवा संगठन बनाया। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। धार के मनावर सीट से चुनाव जीत गए। उसके बाद अलावा ने जयस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन फिर से वह जयस में ही सक्रिय हो गए हैं।
जीतू सोनी के सम्राज्य को ध्वस्त करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि हनीट्रैप को लेकर जैसे ही उसने अपने अखबार के जरिए खुलासा करना शुरू किया। वैसे ही सरकार ने भी उस पर कार्रवाई शुरू कर दी। एक सप्ताह के अंदर ही इंदौर पुलिस ने उसके किले को ध्वस्त कर दिया है। साथ ही कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले दो पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। जिसमें एक टीआई और एडीजी स्तर के अधिकारी हैं।