गायों की मौत के लिए कांग्रेस ने मांगा मुख्यमंत्री और मंत्री सिलावट का इस्तीफा
गौशाला में गायों की मौत के बाद पेडमी पहुंचे कांग्रेस विधायक
गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे कांग्रेस नेता
इंदौर. पेडमी में दर्जनों गायों की मौत के बाद राजनीति भी गरमा गई है। सुबह से ही कांग्रेस के नेताओं ने यहां पर मृत गायों और गौशाला की व्यवस्था को लेकर सरकार के रवैये पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। सुबह जिला कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल यहां पहुंचा, वहीं शाम को कांग्रेस के विधायकों ने यहां पहुंचकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
पेडमी में गायों की मौत की बात सामने आने के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव, कांग्रेस नेत्री रीना बौरासी के साथ यहां दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान गायों के कंकाल इधर उधर पड़े हुए थे साथ ही यहां पर कोई व्यवस्था भी उन्हें नहीं मिली थी। वहीं शाम को कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल, पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, कांग्रेस प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिलाध्यक्ष यादव के साथ फिर पहुंचे थे। उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस के ग्रामीण क्षेत्र के नेता भी थे। इसके पहले ही प्रशासन ने गायों के कंकालों को बुलडोजर से गड्ढा खोद उसमें डाल दिया था। यहां पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने इस दौरान गौशाला का दौरा किया साथ ही यहां की अव्यवस्था को लेकर सरकार सहित क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को जिम्मेदार बताकर उनके और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की। साथ ही प्रदेश सरकार को गौहत्यारा बताते हुए नारेबाजी भी की।
ये कहा नेताओं ने
सज्जनसिंह वर्मा, पूर्व मंत्री – खुद को गायों का रक्षक बताकर सत्ता में आने वाली प्रदेश सरकार गौहत्या की दोषी है। गौहत्याओं के लिए जिम्मेदार इस सरकार को भगवान माफ नहीं करेगा, गायों की हत्या करवाने वाली ये सरकार गायों के श्राप के कारण ही जाएगी। पूरे प्रदेश में गायों की मौत के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जिम्मेदार हैं, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
जीतू पटवारी, प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष कांग्रेस – गायों की मौत का कारम प्रदेश सरकार तो है ही साथ ही क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। उनकी ही पार्टी के नेताओं ने गाय की जमीन पर कब्जा कर रखा है, यहां गायों को न खाना न दवाई कुछ भी नहीं मिल पा रहा है, लेकिन विधायक ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय विधायक सिलावट को इसकी जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देना चाहिए।
संजय शुक्ला – यहां पर गायों के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है। मरी गायों को तो प्रशासन ने गाड दिया, लेकिन गौशाला में अभी भी 10 से ज्यादा गाय बीमार हैं, उनके इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। यहां गाय बूरी हालत में हैं, उनके लिए शेड तक नहीं बना हुआ है। सरकार में बैठे लोग गायों को वोट के लिए ही इस्तेमाल करते हैं।
सदाशिव यादव – राज्य सरकार ने गौशाला में मौजूद गायों के लिए रोजाना 60 पैसे प्रति गाय का बजट रखा है जो कम से कम 20 रुपए होना चाहिए। पूर्व की कमलनाथ सरकार ने एक हजार गौशाला बनवाई थी, जिसके कारण गौवंश की हत्या कम हुई थी। लेकिन सरकार इस पर ध्यान ही नहीं दे रही है, जिसके कारण गौवंश की मौत के मामले बढ़ गए हैं।
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