सिरपुर तालाब पर इंटरप्रिटेशन सेंटर भवन, बापट चौराहे के पास पुल और विश्राम बाग में चलने वाली टॉय ट्रेन के टेंडर को मेयर-इन-कौसिंल ने नहीं दी मंजूरी, जनकार्य विभाग के प्रभारी ने मांगी कंसल्टेंट कंपनी के कार्यों की रिपोर्ट
इंदौर. नगर निगम मुख्यालय स्थित महापौर परिषद हॉल में कल मेयर-इन-कौंसिल (एमआइसी) की बैठक हुई। इसमें 47 प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखे गए। इनमें से तीन प्रस्ताव रोक दिए गए हैं। पहला सिरपुर तालाब पर निर्मित इंटरप्रिटेशन सेंटर भवनए दूसरा बापट चौराहे के पास बनने वाले पुल और तीसरा विश्राम बाग में चलने वाली टॉय ट्रेन को लेकर आए टेंडर को मंजूरी देने का था। जनकार्य प्रभारी के आपत्ति लेने पर पुल और ट्रेन का टेंडर रोका गया है। इसके साथ ही प्रभारी ने पुल निर्माण को लेकर तय कंसल्टेंट कंपनी के कार्योँ की रिपोर्ट भी अफसरों से मांग ली है ताकि कंपनी के कार्यों का आकलन होने के साथ उसे हर महीने निगम खजाने से दिए जा रहे 50 लाख रुपए का हिसाब मालूम पड़ जाए।
एमआइसी की बैठक महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में हुई। बैठक शुरू होते ही पहला प्रस्ताव सिरपुर तालाब पर निर्मित इंटरप्रिटेशन सेंटर भवन में जैव विविधता प्रशिक्षण केंद्रए जलीय जीवों व पक्षियों के प्रदर्शन के लिए डिजिटल लाइब्रेरी, ऑडियो विजुअलए एक्जीबिशन हॉल की साज-सज्जा करने का रखा गया। इस पर चर्चा करने के साथ सिरपुर तालाब किनारे हो रहे अवैध निर्माण को देखते हुए इसे रोक दिया गया। इसके बाद बापट चौराहा के पास मेघदूत गार्डन सर्विस रोड पर पुल की डिजाइन और निर्माण को लेकर आए टेंडर की वित्तीय स्वीकृति 2 करोड़ 46 लाख 57 लाख 588 रुपए देने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर आपत्ति जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर ली। उनका कहना था कि जिस जगह पुल का निर्माण होना है, वहां पर मेट्रो रेल का टॉवर खड़ा कर दिया गया है। ऐसे में पुल कैसे बनेगा? इस पर पुल-पुलिया प्रकोष्ठ के प्रभारी अधीक्षण यंत्री अनूप गोयल ने कहा कि टॉवर से पुल बनाने के लिए 9 मीटर की जगह मिल रही है। उनकी इस बात को प्रभारी राठौर ने नकार दिया और कहा कि 4 से 5 मीटर ही जगह निर्माण को लेकर मिलेगी।
इसके साथ ही उन्होंने पुल-पुलियाओं के लिए तय कंसल्टेंट कंपनी एसजीएस कंसल्टेंट कंपनी के कार्यों पर भी सवालिया निशान लगाए, क्योंकि बापट चौराहे के आगे पुल निर्माण को लेकर डिजाइन इसी कंसल्टेंट कंपनी ने बनाई है। प्रभारी राठौर ने गोयल से कंसल्टेंट कंपनी के कार्यों की पूरी रिपोर्ट मांगी है। इसमें उन्होंने कंपनी ने कितने पुलों की ड्राइंग डिजाइन बनाई और इससे कितना लाभ निगम को हुआ है, क्योंकि निगम कंसल्टेंट कंपनी को हर वर्ष 50 लाख रुपए दे रहा है। कंपनी ने 10 कर्मचारी लगाए हैं, जिनका वेतन अलग-अलग है। प्रभारी राठौर के आपत्ति लेने के बाद पुल निर्माण को लेकर आए टेंडर को रोक दिया गया है।
निगमायुक्त से नहीं ली मंजूरी प्रभारी राठौर का कहना है कि एसजीएस कंसल्टेंट कंपनी को वर्ष.2020 में नियुक्त किया गया था। तत्कालीन अपर आयुक्त एमपीएस अरोरा ने 4 वर्ष के लिए कंपनी की नियुक्ति की थी। इन 4 वर्षों में कंपनी को निगम 1 करोड़ 96 लाख रुपए देगा। जिस कंपनी को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया हैए उसको लेकर न तो एमआइसी की मंजूरी ली गई और न ही निगमायुक्त से स्वीकृति ली गई है, क्योंकि अपर आयुक्त को 2 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति देने के पॉवर होने के चलते अपर आयुक्त स्तर पर ही 1 करोड़ 96 लाख रुपए में कंपनी को तय कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष-2020 में चुनाव न होने पर एमआइसी नहीं थी तो प्रशासक और निगमायुक्त से मंजूरी लेना थी, क्योंकि 1 लाख से 20 लाख रुपए तक का अनुदान देने के लिए प्रस्ताव एमआइसी में आता है। ऐसा नहीं किया गया और बाले-बाले ही कंसल्टेंट कंपनी नियुक्त हो गई।
ट्रेन के लिए 4500 रुपए माह से ज्यादा चाहिए रणजीत हनुमान मंदिर के आगे विश्राम बाग की जमीन पर बगीचा डेवलप किया गया है। यहां पर पीपीपी मोड पर टॉय ट्रेन चलना है। इसको लेकर टेंडर पिछले दिनों जारी किए गए। पहली बार में आए टेंडर में ट्रेन चलाने वाले ठेकेदार ने 3500 रुपए माह देने का ऑफर दिया। इसे निगम ने ठुकरा दिया और फिर से टेंडर जारी किए। इसमें 1 हजार रुपए बढक़र 4500 रुपए का टेंडर आया, जिसे मंजूरी देने के लिए प्रस्ताव एमआइसी में रखा गया। इस पर आपत्ति लेते हुए प्रभारी राठौर ने कहा कि टॉय ट्रेन चलाने पर हर महीने वाली राशि 4500 रुपए को बढ़ाया जाना चाहिए। इसके बाद टॉय ट्रेन चलाने के टेंडर को मंजूरी देने के प्रस्ताव को रोक दिया गया। बैठक में निगमायुक्त हर्षिका सिंह, एमआइसी मेंबर निरंजन सिंह चौहान, अश्विनी शुक्ल, अभिषेक शर्मा, नंदकिशोर पहाडिय़ा, राजेश उदावत, राकेश जैन, जीतू यादव, मनीष शर्मा मामा, समस्त अपर आयुक्त, समस्त विभाग प्रमुख और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे। बैठक में 40 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों के साथ ही महापुरुषों के नाम से मार्गों के नामकरण की स्वीकृति दी गई। इंदौर की मेधावी छात्राओं को ई.स्कूटीए लेपटॉप व साइकिल प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।
बंजारा और सिख समाज ने दिया धन्यवाद एमआइसी की बैठक में मालवीय पेट्रोल पंप के पास रेडिसन चौराहेे पर वीर हरिसिंह नलवा और श्री सत्य साई विद्या विहार चौराहा पर संत शिरोमणि सेवालाल महाराज की प्रतिमा लगाने की मंजूरी दी गई। इसके साथ ही निरंजपुर चौराहा पर पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा लगाई जाएगी। नलवा और सेवालाल महाराज की प्रतिमा लगाने की मंजूरी मिलने पर सिख समाज और बंजारा समाज के लोग विधायक रमेश मेंदोला व सभापति मुन्नालाल यादव के साथ महापौर भार्गव को धन्यवाद देने निगम मुख्यालय पहुंचे।
नहीं किए रजिस्टर पर हस्ताक्षर हर बार एमआइसी की बैठक शुरू होते ही महापौर और एमआइसी मेंबर के रजिस्टर में हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद बैठक के मिनिट्स लिखे जाते हैं, लेकिन कल की बैठक में इनमें से किसी ने भी हस्ताक्षर नहीं किए। कहना था कि पहले बैठक होन के साथ मिनिट्स लिखे जाएं। इसके बाद सभी हस्ताक्षर कर देंगे। ऐसा नहीं हुआ और रजिस्टर में किसी ने हस्ताक्षर नहीं किए।