आदिवासी के लिए आरक्षित हो गई थी। इस पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने किरण पति धर्मेंद्र नामक का नामांकन दाखिल कराया।
सारी दस्तावेजी खानापूर्ति भी दोनों ही पार्टी के नेताओं ने पूरी की। चर्चा तो ये भी है कि धर्मेंद्र अपनी पत्नी को लडऩा भी नहीं चाहता था, लेकिन सभी के दबाव में फैसला लिया। धर्मेंद्र बिजली कम्पनी ने अस्थाई कर्मचारी की 15 वर्ष से नौकरी करता है। इसके अलावा असरावद बुजुर्ग में सरपंच की सीट भी आदिवासी हो गई थी। यहां से रामसिंह निर्विरोध सरपंच चुने गए। बताया जाता है कि निर्विरोध सरपंच रामसिंह कांग्रेस नेता रामसिंह पारिया का कर्मचारी है।
जिला पंचायत की 17 सीटों पर कुल 78 नामांकन दाखिल हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रत्याशी वार्ड 4 (बांक ) में सामने आए। यहां से अनिल पटेल, दिलीप पटेल, सुरेश शिवनारायण, रवि लोबाना, भारत भूषण, जितेंद्र कैलाशचंद्र, रूपसिंह, गोपाल रामनारायण, सुमित मंडलोई और गुलाम खां ने नामांकन दाखिल किए हैं। वहीं वार्ड 6 में अजजा महिला सीट पर रुकमणी बाई और अरुणा बाई, वार्ड 8 भी अजजा महिला है जिसमें रुकमाबाई व मुन्नी बाई, वार्ड 16 में अनारक्षित महिला में मीराबाई व लीला बाई के बीच में सीधा मुकाबला है।
इसके अलावा वार्ड 9 में भाजपा के वरिष्ठ नेता कंचन सिंह चौहान के बेटे दिनेश चौहान को टिकट मिला है, लेकिन यहां से भाजपा से राकेश यादव ने भी नामांकन दाखिल कर दिया है। बताया जाता है कि पर्दे के पीछे पिगड्बर गांव के ही एक नेता राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते बागी को हवा दे रहे हैं। वार्ड 3 में कांग्रेस नेता विकी मालवीय की पत्नी ममता ने भी नामांकन दाखिल किया है। मालवीय को विधायक पटवारी का खास माना जाता है, लेकिन वार्ड से दो और कांग्रेसी नेत्रियों ने नामांकन दाखिल किया।