इससे पहले राहुल गांधी ने बिजली की आंखमिचौली के बीच आंबेडकर स्मारक पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इससे बाद वो सभा को संबोधित करने पहुंचे। आपको बता दें कि, इस दौरान राहुल गांधी के साथ मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
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राहुल गांधी का शायराना अंदाज
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि, बीजेपी और आरएसएस के लोग सामने से प्रणाम करेंगे, पीछे से संविधान को खत्म करने का काम करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि, ‘मेरी दादी को 32 गोली लगी थी, मेरे पिता को बम से मारा गया, मेरे खिलाफ हिंसा की गई। लेकिन जिस दिन मेरे दिल से डर मिट गया, उस दिन से मेरे दिल में मोहब्बत हो गई। मैं आरएसएस से लड़ता हूं, मोदी से लड़ता हूं। लेकिन मेरे दिल में उनके लिए नफरत नहीं। क्योंकि मेरे दिल में डर नहीं है। मैं मोदी, शाह और आरएसएस के लोगों से कहता हूं, डर मिटा दो दिल से, नफरत खत्म हो जाएगी। हमारी यात्रा का मैसेज यही है। हमारे बब्बर शेर किसी से डरते नहीं है। मोहब्बत करने वाले किसी से नहीं डरते। डरने वाले कभी मोहब्बत नहीं करते। हम डरते नहीं, मोहब्बत करते हैं। ये मैं नहीं बोल रहा हूं, मैंने आंबेडकर जी की किताब पड़ी है, जिसमें मुझे डर नहीं दिखा। उनके दिल में नफरत नहीं थी।
तिरंगे को शक्ति देता है भारत का संविदान- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा कि, ‘हिंदुस्तान में एक संगठन है, जिसने आजादी के 52 साल तक तिरंगे को अपने दफ्तरों पर नहीं लहराया, एक संगठन है, बाकी सबने इस तिरंगे को लहराया। एक संगठन ने हमारे प्यारे तिरंगे को सैल्यूट नहीं किया। इसका कारण है, जो काम कांग्रेस पार्टी और आंबेडकर जी ने मिलकर किया। महात्मा गांधी, नेहरू जी, सरदार पटेल, आजाद जी, आंबेडकर जी, सुभाषचंद्र बोस जी बहुत सारे वीरों ने अपनी पूरी जिंदगी देकर अपना खून पसीना देकर मिलकर इस देश को संविधान दिया। ये छोटा काम नहीं था। हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार एक जैसा अधिकार मिला। संविधान ने दिया। उसका चिन्ह हमारा प्यारा तिरंगा है। महू आंबेडकर, संविधान और तिरंगे की जमीन है। ये तिरंगा हम श्रीनगर ले जा रहे हैं। संविधान के बिना तिरंगे में कोई शक्ति नहीं। तिरंगे को शक्ति हमारा संविधान देता है।’
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काफी देर पसरा रहा अंधेरा
आपको बता दें कि, इससे पहले राहुल गांधी जब महू पहुंचे, यहां काफी देर तक अंधेरा पसरा रहा। सभा स्थल के आसपास भी काफी देर तक बिजली गुल रही। हालांकि, सभा स्थल पर जनरेटर से लाइट की व्यवस्था रही। लाइट नहीं होने के काकण अंबेडकर स्मारक पर भी काफी देर तक अंधेरा छाया रहा। महू के कई इलाकों में बिजली गुल रही। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पावर हाउस के सामने ट्रांसफार्मर में आग लगने से बिजली गुल हुई थी।
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