सुबह भगवान धनवंतरि का पूजन होगा। विशेषकर प्रतिष्ठानों में पूजन-अनुष्ठान किया जाएगा। दवा दुकान, आयुर्वेदिक औषधि केन्द्रों और अस्पतालों में पूजन किया जाएगा। इस दिन दोपहर 12.59 तक पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र है। इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दौरान वाहन, आभूषण, बर्तन, वस्त्रों की खरीदारी शुभ है। 24 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी पर सुबह महिलाएं श्रृंगार करेंगी, शाम को घरों में धन के देवता कुबेर का पूजन किया जाएगा। कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि साधना के लिए श्रेष्ठ अवसर होती है।
दशहरा से होने लगी थी तैयारियां
व्यापारियों ने दशहरा के पहले ही बड़ी संख्या में ऑर्डर दे दिए हैं। विभिन्न आकृति में बनाए गए आकर्षक दीपक लोगों को लुभा रहे हैं। मिट्टी के दीप बना रहे कुम्हार बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षो से बारिश और बाजार में इलेक्ट्रिक झालरों के कारण मिट्टी के दीप की मांग कम हुई थी, लेकिन इस वर्ष श्रद्धालुओं ने फिर से घरों में लक्ष्मी पूजन और छत-आंगन में मिट्टी के दीये जलाने का मन बनाया है।