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इंदौर

बाबूजी जरा संभलकर चलना…इस राह पर फंसते वाहन, जानिए कौन सा है यह रास्ता

अफसरों की अनदेखी : घंटों जाम में फंस रहे लोग, भारी वाहन फंसने से उद्योगों को नुकसानसमाधान : उद्योगपतियों ने अफसरों से लेकर जनप्रतिधिनियों के सामने रखा सुझाव, रेलवे लाइन के ऊपर से बनाए ब्रिज

इंदौरApr 16, 2022 / 11:11 am

Anil Kumar Dharwa

railway crossing

बाबूजी जार संभलकर चलना…इस राह पर फंसते वाहन, जानिए कौन सा है यह रास्ता

इंदौर।

सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार को करोड़ों रुपए राजस्व देने वाला औद्योगिक क्षेत्र वर्षों से रेलवे क्रॉसिंग से होने वाले नुकसान और समस्या से अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुका है, लेकिन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा। हाल ही में एक बार फिर उद्योगपतियों ने रेलवे अधिकारी के सामने फिर से इस सालों पुरानी समस्या की ओर ध्यान खींचा। सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-डी (एमआर-2 जंक्शन) रेलवे क्रॉसिंग पर सुगम यातायात के लिए रेलवे ओवर ब्रिज की एक भुजा बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है।
दिनभर क्रॉसिंग से रेल गाडिय़ों का आना-जाना लगा रहता है। इस वजह से क्रॉसिंग पर अक्सर जाम लगा रहता है, जिससे ट्रैफिक बाधित होता है। कई बार तो यह जाम घंटों नहीं खुलता है। इसमें ट्रक ट्राले, क्रेन के अलावा वाहनों से आने-जाने वाले उद्योग मालिक उनके अधिकारी-कर्मचारी फंस जाते हैं। इस कारण उद्योगों को हर माह लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है। इसके अलावा समय की बर्बादी होती है, इसलिए उद्योगपति चाहते हैं कि इस समस्या से जल्द निजात दिलाई जाए। इन परेशानियों से आसपास के रहवासी भी परेशान रहते हैं।
आरएम-सांसद को बताई परेशानी एसोसिएशन

ऑफ इंडस्ट्री मप्र (एआईएमपी) के सदस्य राजेश गर्ग का कहना है कि हम कई बार कलेक्टर, निगमायुक्त से लेकर सांसद और रेलवे डीआरएम के समक्ष क्रॉसिंग से होने वाली परेशानियों से अवगत करा चुके हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में फिर से करीब-करीब सभी रेलगाडिय़ों का संचालन शुरू हो चुका है। बार-बार गेट बंद होने से यातायात बाधित होता है। इसका असर औद्योगिक क्षेत्र पर पड़ रहा है।
ओवर ब्रिज बनाया जाना चाहिए

एआईएमपी के सदस्य और इंदौर रेलवे स्टेशन सलाहकार समिति सदस्य अनिल पालीवाल ने कहा कि रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर से सेक्टर-सी से लेकर सेक्टर-डी तक ब्रिज बनाया जा सकता है। इसकी लंबाई एक किलोमीटर से बहुत कम होगी। उन्होंने बताया कि इस समस्या के समाधान ब्रिज की डिजाइन के बारे में कलेक्टर से लेकर सांसद तक को अवगत करवा चुके हैं। वहीं उद्योगपतियों की रेलवे अधिकारियों से बात हो चुकी है। उनका कहना हमें कोई आपत्ति नहीं है। बता दें कि रेलवे विभाग तो खुद चाहता है कि रेलवे लाइन पर कम फाटक हों और फाटक मुक्त रेल मार्ग हो।

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