इस प्रतिकृति को बनाने के लिए पहले दोनों युवाओं ने इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मुलाकात की और उनसे अपनी मंशा जाहिर की। उन्हें बताया कि वेस्ट मटेरियल से अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तरह वो भी अपने शहर में उस मंदिर की एक प्रतिकृति बनाना चाहते हैं। इसपर महापौर से स्वीकृति मिलने के बाद दोनों युवाओं ने अपना काम शुरु किया।
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फाइनल स्टेज पर मंदिर की पृतिकृति का काम
शहर में रहने वाले उज्जवल सिंह सोलंकी और लोकेश राठौर ने 60 दिनों की मेहनत के बाद वेस्ट मटेरियल से राम मंदिर की प्रतिकृति को बनाकर लगभग तैयार कर ली है। फिलहाल इस मंदिर में पेंट और इलेक्ट्रिक का काम बाकी है। मंदिर की पृतिकृति बनाने में करीब 21 टन लोहा और 20 मजदूर दिन रात जुटे हुए थे। मजदूरों को भी विशेष तौर पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बुलाया गया है। फिलहाल फिनिशिंग काम जारी है। अयोध्या में राम मंदिर के अनावरण कार्यक्रम तक इस मंदिर को बनाकर पूरी तरह तैयार किया जाएगा।
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वेस्ट मटेरियल से भव्य निर्माण
इंदौर के विश्रम बाग में घूमने आने वाले लोग इस मंदिर को निहारते नजर आएंगे। उज्जवल सोलंकी के अनुसार मंदिर बनाने में उन्हें महापौर ने प्रेरित किया था। उन्हें अपना खुद का कुछ स्टार्टअप राम मंदिर की प्रतिकृति बनाकर शुरू किया है। निगम और बिजली कंपनी के पास पड़े हुए वेस्ट मटेरियल को एकत्रित कर मंदिर की प्रतिकृति तैयार की है। इस पर रेड ऑक्साइड पेंट करने के बाद इलेक्ट्रिक लाइटिंग की जाएगी। आने वाले समय में इसमें म्यूजिकल लाइटिंग भी दर्शकों को देखने को मिलेगी।