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‘काश्मीर, जूनागढ़ के राजाओं ने भारत छोड़ो प्रस्ताव का किया था विरोध’ ये पत्र लिखने वाले पांच नंबरी भाजपाई राजा कोठारी हैं। कोठारी का कहना है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना पूरे देश का सपना था, जिसके लिए जनसंघ और भाजपाई हमेशा विरोध कर झंडा बुलंद करते थे। इस सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने पूरा कर दिया। कश्मीर के लिए जनसंघ संस्थापक डॉ. मुखर्जी ने बलिदान दे दिया। 370 धारा हटाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है। पत्र में लिखा है कि कश्मीर की सभी मां, बहनें, युवा, बुजुर्ग अब विकास की नई गाथा लिखने को बेताब हैं।
सोमवार को केंद्रीय सूचना प्रसारण और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी इंदौर में थे। धारा 370 को लेकर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सहित घाटी में रहने वाली जनता को न्याय देने के लिए धारा 370 को समाप्त किया गया है। आरटीआई, आरटीई, ओबीसी का आरक्षण, मोहल्ला समिति, पंचायत राज, आदिवासी आरक्षण सहित अल्पसंख्यकों को मिलने वाली कई सहूलियतें धारा 370 के चलते वहां की जनता को 70 साल से नहीं मिल रही थी।
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जरा याद करो कुर्बानी : कान के पास से गोली निकली तो जान सूखी, आजादी के जज्बे में हर प्रताडऩा लगती तोहफा धारा 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने पर जावड़ेकर ने कहा, यह फैसला जनता के हित में लिया गया है, इसलिए कोई गड़बड़ नहीं होगी। केंद्र सरकार का यह कदम जम्मू-कश्मीर के निवासियों को विकास की नई राह दिखाएगा। पीओके भी भारत का हिस्सा है और उसे हम लेकर रहेंगे।