सरकार ने इस बार समिट के पेटर्न में बदलाव करते हुए मंच से निवेश की घोषणा करने की परंपरा से अलग कंफर्म निवेश की रणनीति अपनाई है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने हैं। भोपाल में कंपनी के सीईओ स्तर के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ मिलकर प्रस्ताव दे रहे हैं। इनमें इंदौर-उज्जैन रीजन सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में निवेशक प्रोजेक्ट लगाने की तैयारी कर रहे हैं। मुंबई से चार बड़ी फार्मा कंपनी के कंन्फर्मेशन के बाद अब एशियन पेंट्स और इंडियन फास्फेट इंदौर रीजन में आ रही हैं। एशियन पेंट्स इंदौर के समीप ही अपना प्लांट लगाएगी। इंडियन फास्फेट झाबुआ के मेघनगर में इकाई स्थापित करेगी। एमपीआइडीसी के एमडी मनीष सिंह और कार्यकारी संचालक रोहन सक्सेना ने बताया, कंपनियां लगातार संपर्क कर रही हैं। जगह देखने के साथ ही प्रस्ताव भी दे रही हैं। ताकि, समिट तक प्रक्रिया पूरी होकर काम शुरू हो जाए।
एम्युजमेंट पार्क की मिलेगी सौगात
इंदौर को मनोरंजन के लिए इंटरनेशनल स्तर के एम्युजमेंट पार्क की दरकार है। वंडरला इसे पूरा करेगा। 300 करोड़ रुपए का निवेश करके आधुनिक पार्क बनाएगा। इसके लिए 50 एकड़ जमीन मांगी है। इससे 1 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। कंपनी को खंडवा व नेमावर रोड पर जमीन दिखाएंगे।
1 हजार एकड़ का औद्योगिक पार्क
एकुस इंफ्रा बेंगलूरु की कंपनी है। इंजीनियरिंग, आइटी और बिजनेस कंपनियों के लिए औद्योगिक पार्क में निवेश करती है। प्लग एंड प्ले की तर्ज पर यह पार्क बनाए जाते हैं। कंपनी ने इंदौर के समीप 1 हजार एकड़ में मल्टी प्राडक्ट क्लस्टर का प्रस्ताव दिया है। इसमें सोलर, विंड, हाइड्रोजन आधारित पॉवर जनरेशन का काम किया जाएगा। उधर, नीमच के गांधीनगर में ग्रीनको समूह पॉवर जनरेशन में 7200 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। यहां पर 1440 मेगावॉट का पम्पड स्टोरेज प्लांट लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में हाइड्रो पॉवर को बढ़ावा देने की दिशा में यह बड़ी परियोजना होगी। इसी तरह रतलाम लॉजिस्टिक पार्क में भी कंपनियां आ रही हैं।