टीआइ तारेश सोनी के मुताबिक, शाम करीब 6.30 बजे नए रेलवे ट्रेक पर ट्रायल ट्रेन की चपेट में आने से बबली 17 पिता पन्नालाल मासरे, राधिका 17 पिता दिनेश भास्कर दोनों निवासी कैलोद कांकड़ पंचवटी कॉलोनी की मौत हुई है। जिस ट्रैक पर दुर्घटना हुई वहां से ट्रेन पहली बार गुजरी थी। जांच में पता चला है कि बबली, राधिका, साधना रोजाना सैटेलाइट जंक्शन स्थित कोचिंग क्लास में पढ़ने जाती थीं। शाम को तीनों लौट रही थीं। रेलवे ट्रैक क्रॉस करते समय छात्रा साधना आगे चल रही थीं। उनके पीछे बबली, राधिका आ रही थी। तभी देवास की ओर से नए ट्रैक से आ रही ट्रॉयल ट्रेन की चपेट में राधिक, बबली आ गई और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। संभवत: दोनों छात्राओं को नए रेलवे ट्रैक पर ट्रेन आने की जानकारी नहीं थी।
घर से 200 मीटर दूर बहन की गई जान
भाई पीयूष भास्कर ने बताया, पिता मजदूरी करते हैं। बहन राधिका और उनकी सहेली प्रेसीडेंसी स्कूल में दसवीं की छात्रा है। रोजाना बहन कोचिंग से अपनी सहेलियों के साथ नए रेलवे ट्रैक पार कर घर आती थी। गुरुवार को नए ट्रैक पर ट्रायल ट्रेन दौड़ रही थी। इस बात की जानकारी बहन और उनकी सहेलियों को नहीं थी। शाम के वक्त अंधेरा होने लगा था। नए ट्रैक के पास चल रही बहन और उनकी सहेली को लगा की रोज की तरह ट्रेन पुराने ट्रैक से होकर गुजरेगी, लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ। ट्रेन नए ट्रैक पर अचानक आ गई। साधना किसी तरह ट्रेक से दूर चली गई, जिससे वह बच गई, लेकिन उनके पीछे आ रही बहन और बबली ट्रेन की चपेट में आ गई। गमगीन परिजनों का आरोप है कि ट्रॉयल ट्रेन चलाने के पहले गांव और आसपास के रहवासियों को सूचना तक नहीं दी गई। इस वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई।
रेलमंत्री ने दिए घटना के जांच के आदेश
कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि इस दु:ख की घड़ी में सरकार मृतकों के परिजनों के साथ है। परिवारों को नियमानुसार राहत राशि दी जाएगी। सिलावट ने घटना की जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को दी है। वैष्णव ने रतलाम रेल मंडल के डीआरएम रजनीश कुमार को जांच के आदेश दिए है।