बेटे ने दिलाई मां को पिता की कैद से आजादी
मामला इंदौर के बांगडदा इलाके का है जहां वेंकटेश विहार इलाके में रहने वाली एक महिला व उसके 12 साल के बेटे को आरोपी पति घर में कैद कर रखता था। वो दोनों के साथ आए दिन मारपीट करता था और जब भी कहीं बाहर जाता तो घर में बाहर से ताला लगा जाता था। पीड़ित महिला घर पर सिलाई का काम कर घर का खर्च चलाती है और पति आवारागर्दी करता रहता है। इतना ही नहीं ये भी आरोप है कि आरोपी पति के कई महिलाओं से अवैध संबंध हैं। बताया गया है कि आरोपी पति पहले पारले जी कंपनी में नौकरी करता था लेकिन खराब बर्ताव के कारण करीब 8 साल पहले साल 2014 में उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। तभी से आरोपी पति आवारागर्दी करने लगा और पत्नी व बेटे को प्रताड़ित कर घर में कैद करने लगा।
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कमिश्नर से की थी शिकायत, कोर्ट से मिला न्याय
बच्चे की ओर से कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वकील ने बताया कि मार्च 2022 में मां-बेटे ने पिता के जुल्मों की शिकायत पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र से की थी उन्होंने मामले की जांच के आदेश भी पुलिस अधिकारियों को दिए थे। तब आवेदन में ये भी बताया था कि पिता अपनैध हथियार दिखाकर घर में रखे गैस सिलेंडर से जलाने की धमकी पत्नी-बेटे को देता है। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत की पड़ताल भी की और घर से अवैध हथियार भी जब्त किया लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जिसके कारण उन्हें पति के जुल्मों से छुटकारा नहीं मिल पाया। पुलिस से मदद न मिलने के बाद 12 साल का बेटा एक दिन कोर्ट परिसर के बाहर वकीलों से मदद की गुहार लगा रहा था इसी दौरान वकील कृष्ण कुमार और ईश्वर कुमार को उसने अपनी पीड़ा बताई। दोनों वकीलों ने बच्चे को मदद का भरोसा दिया और एक याचिका कोर्ट में दाखिल की। जिसे मजिस्ट्रेट अंकिता त्रिपाठी ने स्वीकार कर लिया और पुलिस को महिला व उसके बेटे को आरोपी पति की कैद से मुक्त कराने के निर्देश पुलिस को दिए जिसके बाद महिला व उसके बेटे को आरोपी के चंगुल से रिहा कराया गया है। कोर्ट ने आरोपी को ये भी आदेश दिया है कि वो अपनी पत्नी व बेटे को 5 हजार रुपए महीने गुजारा भत्ता देगा और ऐसा न करने पर एक साल की सजा और 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया है।