scriptVIDEO : इंदौर आंखफोड़वा कांड : मरीजों से मिलने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री, बोले- चेन्नई ले जाना पड़ा तो वहां भी ले जाएंगे | 11 people lost their eyes after operation in indore | Patrika News
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VIDEO : इंदौर आंखफोड़वा कांड : मरीजों से मिलने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री, बोले- चेन्नई ले जाना पड़ा तो वहां भी ले जाएंगे

– मंत्री तुलसी सिलावट पहुंचे मरीजों से मिलने- अस्पताल सील कर मरीजों को चोइथराम आई हॉस्पिटल में किया था शिफ्ट- जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

इंदौरAug 18, 2019 / 04:04 pm

हुसैन अली

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11 लोगों के आंखों की छीनी रोशनी, किस्मत को कोस रहे मरीज, पीडि़ता बोलीं- हे भगवान अब कौन संभालेगा मुझे

इंदौर. धुंधलेपन को दूर करने के लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना 11 मरीजों को भारी पड़ गया। इस ऑपरेशन ने उनकी आंखों की रोशनी ही छीन ली। मामला उजागर होने पर स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ और मरीजों को इलाज के लिए ताबड़तोड़ दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराया। रविवार को मंत्री तुलसी सिलावट मरीजों से मिलने चोइथराम अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि ये दुखद घटना है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय अंधत्व निवारण समिति के जिला प्रभारी डॉ. टीएस होरा को निलंबित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मरीजों को चेन्नई ले जाना पड़ा तो वहां भी ले जाएंगे। हमारी पहली प्राथमिकता है कि मरीजों की आंखों की रोशनी वापस आए। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। रविवार को चेन्नई से शंकर नेत्रालय के डॉ. राजीव रमण भी पहुंच चुके हैं। शुरुआती जांच में पता चला कि ऑपरेशन के बाद आंखों में डाली जाने वाली ड्रॉप से इन्फेक्शन हुआ। जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए सात सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है।
आंख ठीक नहीं हुई तो घर कैसे चलेगा

पीडि़तों में मनोहर (85), सुशीला (58), राधेश्याम (65), शांताबाई (50), रामीबाई (50), मोहन (60), कलीबाई (45), गेंदालाल (62), तुलसीबाई (60), कलाबाई (60) और हरपालदास प्रहलाद (70) शामिल हैं।
– धार जिले के आहू गांव की रामीबाई का रो-रोकर बुरा हाल है। रामीबाई ने कहा कि मैंने यह सोचकर ऑपरेशन कराया था कि सब कुछ ठीक से देख। ऑपरेशन से पहले डर लगा तो डॉक्टर बोले कि बई तम मत डरो। अब तो कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा। हे भगवान अब तो कोई संभालने वाला भी नहीं है मुझे।
– सुरक्षाकर्मी भगवती ने बताया कि पत्नी सुशीलाबाई को कम दिखाई देता था। डॉक्टरों के कहने पर ऑपरेशन कराया। अब बिलकुल नहीं दिख रहा।
– दिखाई देना बंद होने के बाद बुजुर्ग राधेश्याम की भी किस्मत को कोस रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा पता होता तो मैं कभी ऑपरेशन नहीं कराता।
– दंपती कैलाश और कलावती दोनों ने एक साथ ऑपरेशन कराया था। वे सिलाई कर गुजर-बसर करते हैं। कैलाश ने बताया कि 10 दिन से अस्पताल में पड़े हुए हैं। एक आंख से बिलकुल नहीं दिख रहा। आंख ठीक नहीं हुई तो घर चलाने का आसरा ही छिन जाएगा।
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यह है पूरा मामला

राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत 8 अगस्त को इंदौर आई हॉस्पिटल में १४ मरीजों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए थे। ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों ने आंखों में तकलीफ बढऩे की शिकायत की। आंखों में दवाई (ड्रॉप) डालने के बाद से ही मरीजों को जलन और पानी निकलने की तकलीफ होने लगी। शुरुआती दौर में डॉक्टरों ने इसे सामान्य माना, लेकिन स्थिति बिगडऩे पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी।
कुछ मरीजों को दिखना पूरी तरह से बंद हो गया। इनमें धार जिले के 10 मरीज थे। डॉक्टरों को आंखों में संक्रमण होने की आशंका हुई, लेकिन इसकी पुष्टि वे नहीं कर सके। मामला उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला हरकत में आया और मरीजों को उचित इलाज के लिए चोइथराम नेत्रालय में शिफ्ट कराया गया। सीएमएचओ डॉ.प्रवीण जडिय़ा सहित विभाग के अन्य अधिकारी इंदौर आई हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने ओटी और अस्पताल को सील करा दिया।
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सीएम ने की 50-50 हजार की आर्थिक मदद की घोषणा

स्वास्थ्य मंत्री सिलावट ने पीडि़तों को रेडक्रॉस से 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा के साथ सभी का इलाज सरकार से कराने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी घटना पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने पीडि़तों को 50-50 हजार रुपए की सहायता की घोषणा की है।
आई हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त

कलेक्टर लोकेश जाटव ने कहा कि इंदौर आई हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। साथ ही तीन सदस्यी जांच कमेटी गठित की है। कमेटी दो दिन में रिपोर्ट देगी। कमेटी में अपर कलेक्टर कैलाश वानखेडे़ और दो विशेषज्ञ डॉ.प्रदीप गोयल, आशुतोष शर्मा शामिल हैं।
विशेषज्ञों की निगरानी में इलाज
पीडि़त मरीजों का इलाज विशेषज्ञों की निगरानी में चल रहा है। अंदरूनी संक्रमण के कारण उन्हें दिखाई देना बंद हुआ। वास्तविक कारण पता लगाने के लिए दोबारा जांच की जा रही है। उम्मीद है कुछ मरीज जरूर रिकवर कर लेंगे।
– डॉ.प्रवीण जडिय़ा, सीएमएचओ

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