1962 में हुई थी शादी
डॉक्टरों के मुताबिक, पूर्वी गोदावरी जिले के नेलपट्टीपाडु के रहने वाले यारमत्ती राजा राव ने 22 मार्च 1962 को इररामत्ती मंगायम्मा से शादी की थी। उनकी शादी के कुछ साल बाद उन्हें बच्चों की उम्मीद थी, लेकिन सपने पूरे नहीं हुए। पिछले दिनों, उनके घर के पास रहने वाली एक महिला आईवीएफ के माध्यम से 55 साल की उम्र में गर्भवती हो गई थी। मंगायम्मा को उससे प्रेरणा मिली। वह अपने पति के साथ गुंटूर शहर में अहल्या नर्सिंग होम पहुंची।
यूं हो पाया संभव
वे आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. सनकायला उमाशंकर से मिले। डॉक्टरों ने मंगयम्मा के उनके 80 वर्षीय पति के शुक्राणु को लिया और आईवीएफ द्वारा गर्भ का प्रयास किया जिसमे डॉक्टरों को कामयाबी मिली। तब से, 74 वर्षीय मंगायम्मा नर्सिंग होम में डॉक्टरों की देखरेख में थी। डॉ. उमाशंकर ने सिजेरियन किया और डिलीवरी कराई।
क्या है आईवीएफ तकनीक ( IVF Technology )
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ तकनीक उन दंपति के लिए वरदान की तरह है जो किसी भी मेडिकल दिक्कत के चलते बच्चे पैदा करने में असमर्थ है। इस प्रक्रिया को विशेषज्ञ डॉक्टरों के निरीक्षण में पूरा किया जाता है। इसमें पुरूष के शुक्राणु और महिला के अंडाणु लेकर उन्हें लेबोरेटरी में भ्रूण तैयार किया जाता है। प्राकृतिक तरीके से भ्रूण विकसित किया जाता है। भ्रूण के विकसित होने के बाद इसे महिला के गर्भ में स्थापित किया जाता है। महिला गर्भधारण करती है। इसके बाद प्राकृतिक प्रोसेस के जरिए बच्चा जन्म लेता है।