राजस्थान के उदयपुर से आए कथावाचक पुष्करदास ने नानी बाई रो मायरो की कथा का श्रवण कराते हुए कहा, नानी बाई रो मायरो अटूट श्रद्धा पर आधारित प्रेरणादायी कथा है। कथा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण का गुणगान किया जाता है। भगवान को यदि सच्चे मन से याद किया जाए तो वे अपने भक्तों की रक्षा करने स्वयं आते हैं। रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के तत्वावधान में आयोजित कथा के दौरान कथावाचक ने नरसी मेहता और श्रीकृष्ण के बीच हुए रोचक संवाद को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया।
हुब्बल्ली (कर्नाटक) के गब्बुर गली स्थित श्री रामदेव मंदिर परिसर में कथा श्रवण कराते हुए कथावाचक पुष्करदास ने कहा, घर में कितनी भी बहुएं हों, कोई अपने पीहर से कितना भी लाए, मगर ससुराल के लोगों को कभी भी धन के लिए किसी को प्रताडि़त नहीं करना चाहिए। क्योंकि हर किसी की आर्थिक स्थिति एक सी नहीं होती। यह कथा भक्त और भगवान के मध्य अटूट विश्वास की कथा है। उन्होंने कहा कि जीवन एक साज है। इसे बजाना सीखना पड़ता है। इसे यदि बजाना आ गया तो समझो परमात्मा प्रकट हो गए।
श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के केसाराम चौधरी ने बताया कि मंगलवार को जगाराम देवासी की ओर से प्रभावना रखी गई एवं आरती की गई। संघ के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत एवं सचिव मालाराम देवासी ने बताया कि बुधवार को कथा की पूर्णाहूति होगी। शहर के विभिन्न इलाकों से प्रवासी कथा में शामिल हुए।