अपनी शुरुआत से ही इस योजना को महिला यात्रियों द्वारा अच्छा रेस्पॉन्स मिला। योजना के शुभारंभ पर, सरकार ने घोषणा की थी कि जो महिलाएं इस योजना से लाभ उठाना चाहती हैं, उन्हें आधिकारिक योजना पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा और पहचान के प्रमाण के रूप में सरकार द्वारा जारी वैध आईडी कार्ड जमा करना होगा। इसके बाद स्मार्ट शक्ति स्मार्ट कार्ड वितरित करेंगे। फिलहाल बस यात्रा के लिए शून्य टिकट यानी मुफ्त टिकट पाने के लिए महिला यात्रियों को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी वैध पहचान पत्र दिखाना पड़ता है।
हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि सड़क परिवहन निगम स्मार्ट कार्ड के बिना भी अच्छा काम कर रहे हैं और परिचालक महिला यात्रियों के पहचान पत्र की पुष्टि करने के बाद टिकट जारी कर रहे हैं। टिकट जारी करने में कोई खास समस्या नहीं है। हालांकि यह माना जाता है कि स्मार्ट कार्ड यात्रियों और परिचालक दोनों के लिए समय की बचत करके फायदेमंद होंगे। इसके अलावा, सरकार को योजना के लाभार्थियों का डेटा मिलेगा, क्योंकि स्मार्ट कार्ड को ईटीएम पर टैप किया जा सकता है।
एक निजी कंपनी में कार्यरत महिला ने बताया कि उसे पहले हर महीने यात्रा पर करीब 1200 रुपए खर्च करने पड़ते थे लेकिन जब से शक्यि योजना लागू की गई है उस जैसी कई महिलाओं को फायदा मिल रहा है। उसकी अब हर महीने बचत होने लगी है। ऐसे में सालभर में करीब 14 हजार से अधिक की बचत हो चुकी है।