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हुबली

कराटे में पहचान बना रही राजस्थान मूल की डिम्पल राठौड़, अब तक 35 प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी, 25 मेडल जीते

उभरती प्रतिभा

हुबलीDec 27, 2024 / 09:09 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

अपने मेडल के साथ डिम्पल राठौड़। अब तक 25 मेडल जीत चुकी।

अपने मेडल के साथ डिम्पल राठौड़। अब तक 25 मेडल जीत चुकी।

मौजूदा दौर में बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। खेल के क्षेत्र में भी वे पीछे नहीं है। राजस्थान मूल की डिम्पल राठौड़ कराटे में अपनी पहचान बना रही है। वह अब तक तीन दर्जन प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी है और 25 मेडल अपने नाम कर लिए हैं।
डिम्पल राठौड़ 13 से 17 दिसंबर 2024 तक कराटे इंडिया ऑर्गेनाइजेशन की मेजबानी में दिल्ली में आयोजित तीसरी इंटर जोनल प्रतियोगिता के आयुवर्ग 16 से 17 वर्ष में अव्वल रही और गोल्ड अपने नाम किया। वे सितम्बर 2023 तथा मई 2024 में देहरादून में आयोजित राष्ट्र स्तरीय कराटे प्रतियोगिता में शामिल हो चुकी है। राज्य स्तरीय कराटे स्पर्धाओं में भी वे लगातार तीन साल से शामिल हो रही है। वे 14 से 15 वर्ष आयुवर्ग में वर्ष 2022 में स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी है। वहीं 16 से 17 वर्ष आयुवर्ग में 2023 में भी स्वर्ण पदक तथा इसी आयुवर्ग में 2024 में सिल्वर मेडल जीत चुकी है। इसी साल 16 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग में कांस्य पदक विजेता भी बनींं। साउथ इंडिया कराटे फेडरेशन की मेजबानी में अगस्त 2024 में चेन्नई में स्वर्ण पदक जीत चुकी है। इसके साथ ही वे जिला स्तरीय प्रतियोगिता में कई बार भाग ले चुकी हैं। वे हुब्बल्ली, मैसूरु, गदग, दावणगेरे, उडुपी, बेंगलुरू के साथ ही हैदराबाद एवं मुम्बई में भी विभिन्न स्पर्धाओं में हिस्सा ले चुकी है।
कठिन परिश्रम के साथ धैर्य की जरूरत
डिम्पल राठौड़ ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि कराटे के लिए रोजाना प्रैक्टिस जरूरी है। इसके साथ ही धैर्य रखना पड़ता है। कराटे कठिन परिश्रम मांगता है। परिवार का सपोर्ट मिलना भी मायने रखता है। पिता एवं माता के साथ ही परिवार का उसे पूरा सपोर्ट मिलता है। कोच शरथ सकिन से वह प्रशिक्षण ले रही है। डिम्पल छठी कक्षा से कराटे सीख रही है और कराटे की ब्राउन में प्री-ब्लैक बेल्ट लेवल तक पहुंची है। कराटे की शुरुआत व्हाइट लेवल से होती है। फिर यलो, ऑरेन्ज, ग्रीन, ब्ल्यू एवं परपल होता है। इसके बाद ब्राउन में चार श्रेणी आती है। जिसमें चतुर्थ क्यू, तृतीय क्यू, सेकंड क्यू एवं प्री-ब्लैक होती है। यह दस स्तर पार करने के बाद ब्लैक शुरू होता है और इसमें 11 डैन (श्रेणियां) है।
रोज 4 से 6 घंटेे प्रैक्टिस
कराटे में दो कैटेगरी होती है। एक काटा और दूसरे कुमटे। डिम्पल काटा खेलती है। इसके तहत अपना कौशल अधिक दिखाना होता है। यह तेज गति से खेला जाता है। डिम्पल रोजाना चार से छह घंटे कराटे की प्रैक्टिस में बिता रही है। उसने बकायदा डाइट चार्ट बना रखा है और इसी के अनुसार भोजन की नियमित दिनचर्या का पालन करती है।
पढ़ाई में अव्वल
डिम्पल राठौड़ ने दसवीं तक की पढ़ाई हुब्बल्ली के डी.के.पब्लिक स्कूल से की। वर्तमान में चिन्मया कॉलेज में बारहवीं (वाणिज्य) में अध्ययनरत है। डिम्पल खेल के साथ पढ़ाई में भी होनहार है। दसवीं कक्षा में 92 फीसदी तथा 11 वीं 94 फीसदी अंक हासिल कर चुकी है।
परिवार का सहयोग
डिम्पल राठौड़ मूलत राजस्थान के सिरोही जिले के शिवगंज की मूल निवासी है। पिता देवीसिंह राठौड़ का हुब्बल्ली में खिलौनों का व्यवसाय है। माता संगीतादेवी राठौड़ गृहिणी है। बड़ी बहन कुंजल राठौड़ फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही है। छोटा भाई किरणसिंह राठौड़ दसवीं तथा भवानसिंह राठौड़ छठी कक्षा में अध्ययनरत है।

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