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हुबली

श्रीयादे माता की जयंती धूमधाम से मनाता है प्रजापत समाज, राजस्थान के कलाकार देते हैं भजनों की प्रस्तुति

प्रजापत समाज सेवा संघ हुब्बल्ली

हुबलीSep 03, 2024 / 01:46 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

श्रीयादे माता

श्रीयादे माता

प्रजापत समाज सेवा संघ की मेजबानी में हुब्बल्ली में हर साल श्रीयादे माता की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। जयंती के मौके पर राजस्थान की भजन मंडलियां भजनों की प्रस्तुतियां देती हैं। इसके साथ ही कई कई धार्मिक आयोजन होते हैं। श्रीयादे माता जयंती महोत्सव के मौके पर भजन संध्या में श्रीयादे माता समेत अन्य देवी-देवताओं के भजन प्रस्तुत किए जाते हैं। जयंती के दिन चढ़ावे की बोलियां भी लगाई जाती है। प्रजापत समाज के लोग होली-दिवाली समेत अन्य पर्व-त्योहार भी उत्साह के साथ मना रहे हैं। समय-समय पर प्रजापत समाज सेवा संघ की मीटिंग में समाज की गतिविधियों को लेकर चर्चा की जाती है।
संत-महात्माओं का स्वगत
राजस्थान से आने वाले संत-महात्माओं का भी प्रजापत समाज की ओर से स्वागत किया जाता है। प्रजापत समाज के राजस्थान के गुड़ापदमसिंह निवासी बाबूलाल प्रजापत वर्ष 1978 में हुब्बल्ली आ गए वहीं थलवाड़ निवासी उदाराम प्रजापत वर्ष 1979 में हुब्बल्ली आए। इसके बाद से लगातार प्रजापत समाज के लोगों का हुब्बल्ली आने का क्रम बना हुआ है।
अधिकांश परिवार कारपेंटर के बिजनेस में
हुब्बल्ली में निवास कर रहे प्रजापत समाज के लोग राजस्थान के बालोतरा, जालोर एवं पाली जिले से अधिक है। हुब्बल्ली में प्रजापत समाज के लोग स्टेशनरी, इलेक्ट्रिकल्स, मोबाइल एसेसरिज समेत अन्य बिजनेस में है। प्रजापत समाज के करीब 80 परिवार कारपेंटर का काम कर रहे हैं।
संघ की कार्यकारिणी
प्रजापत समाज सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत थलवाड़ है। इसके साथ ही अन्य पदाधिकारियों में बाबूलाल प्रजापत उपाध्यक्ष, वेलाराम प्रजापत सचिव, नारणाराम प्रजापत एवं जेठाराम प्रजापत सह सचिव, लालाराम प्रजापत कोषाध्यक्ष, छगनाराम प्रजापत उप कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत है। इसके अलावा भगवानराम प्रजापत, नारायणलाल प्रजापत एवं भगवानराम प्रजापत आहोर कार्यकारिणी सदस्य के पद पर कार्यरत है।
पुश्तैनी काम छोड़ अब बिजनेस की तरफ कदम
प्रजापत समाज सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत थलवाड़ बताते हैं, कभी मिट्टी के बर्तन बनाने एवं बाद में ईंट बनाने के पुश्तैनी काम को छोड़ अब प्रजापत समाज के लोग बिजनेस की तरफ रूख करने लगे हैं। मिट्टी के बर्तन बनाने के परम्परागत व्यवसाय में गिने-चुने लोग ही रह गए हैं। समाज के लोगों में शिक्षा का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। राजस्थान में प्रजापत समाज के कई लोग सरकारी सेवाओं में हैं।

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