कॉलेजिएट शिक्षा विभाग (डीसीई) ने स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स के लिए नियमों में बदलाव की घोषणा की है। अब पीजी पाठ्यक्रम में नामांकित होने के लिए कम से कम १५ छात्रों की आवश्यकता को संशोधित किया गया है।
संशोधित आदेश के अनुसार, कॉलेज अब केवल विश्वविद्यालय संबद्धता क्षमता के ५० फीसदी होने पर भी पाठ्यक्रम संचालित कर सकते हैं। दक्षिण कन्नड़ में मास्टर ऑफ सोशल वर्क के छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद यह निर्णय लिया गया। छात्र पिछले निर्देश का विरोध कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि सरकारी एवं सहायता प्राप्त कॉलेज केवल तभी विशेषज्ञता प्रदान कर सकते हैं, जब कम से कम १५ छात्र उसमें प्रवेश लें। ऐसे में यदि विश्वविद्यालय की संबद्धता २० छात्रों के लिए है, तो ५० फीसदी या १० छात्रों के प्रवेश होने पर पाठ्यक्रम शुरू हो सकता है।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नए सर्कुलर से अब कम से कम आधे छात्रों के साथ पाठ्यक्रम शुरू किया जा सकेगा। हालांकि अगर कोई कोर्स आधे से कम संख्या के साथ तीन साल तक चलता है, तो उस कोर्स को रोकने का प्रावधान है।
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