scriptगोवा के 301 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला १० को | Decision on the fate of 301 candidates of Goa on 10th | Patrika News
हुबली

गोवा के 301 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला १० को

गोवा के 301 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला १० को

हुबलीMar 03, 2022 / 10:45 pm

S F Munshi

गोवा के 301 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला १० को

गोवा के 301 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला १० को

गोवा के 301 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला १० को
-दो स्थानों पर होगी मतगणना
पणजी
पिछले 14 फरवरी को हुए गोवा के 40 सीटों के विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को सामने आ जाएंगे। 9 राजनीतिक पार्टियों तथा निर्दलीय उम्मीदवारों समेत कुल 301 प्रत्याशियों का भविष्य का फैसला आगामी 10 मार्च को प्रकट होगा।
मतगणना के लिए अभी एक सप्ताह का समय बाकी है। दक्षिण गोवा एवं उत्तर गोवा जिलाधिकारी के जरिए मतगणना कार्य की निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है। निर्वाचन आयोग अधिकारी ने कहा है कि 10 मार्च को दोपहर 12.30 बजे चुनाव के संपूर्ण नतीजे सामने आने की उ मीद है।
नौ सौ सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण
उन्होंने कहा कि 10 मार्च होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव मतगणना को लेकर गोवा राज्य में पूर्व तैयारियां तेजी से चल रही हैं। दक्षिण एवं उत्तर गोवा जिलाधिकारियों के नेतृत्व में मतगणना कार्य होगा। उत्तर गोवा के 19 क्षेत्रों की मतगणना पणजी के सरकारी कालेज में होगा। दक्षिण गोवा के 21 क्षेत्रों की मतगणना मडगांव स्थित दामोदर कालेज में होगी। इसके चलते 900 सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पणजी व मडगांव स्थित स्ट्रांग रूम में ईवीएम
उन्होंने कहा कि गत 14 मार्च को हुए गोवा विधानसभा चुनाव के ईवीएम को पणजी तथा मडगांव में स्थित स्ट्रॉन्ग रूम में रखे गए हैं। 10 मार्च को सुबह इन ईवीएम को मतगणना कक्षों में ले जाया जाएगा।
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सुख उनके पूर्व पुण्य का ही फल है
बल्लारी
श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्ती पूजक संघ में विराजित आचार्य महेन्द्र सागर सूरीश्वर ने प्रवचन में कहा कि किसीको प्रश्न हो कि हमें अमुक देवी की कृपा तथा उनके दर्शन व भक्ति करने से ही सुख प्राप्त होता दिखाई देता है , तो उनके लिए उत्तर यह है कि वह सुख उनके पूर्व पुण्य का ही फल है। यदि उनके पाप का उदय हो तो कोई भी देव देवी उसे पुण्य में बदले के लिए शक्तिमान नहीं हैं। पुण्य का फल मांगना, वह निदान शल्यरूप होने से , बहुत अधिक पुण्य का अल्प फल मिलता है और वह सुख भोगते समय नियम से बहुत ही पाप बंधते हैं, जोकि भविष्य के दुखों के कारण बनते हैं। इसलिए मांगों या न मांगों , आपको आपके पूर्व पुण्य – पाप का फल अवश्य मिलता है। इससे एक बात निश्चित है कि अपने को जो कुछ भी दु:ख आता है उसमें दोष अपने पूर्व पापों का ही होता है अन्य किसी का भी नहीं, जो अन्य को दु:ख देते ज्ञात होते हैं वो तो मात्र निमित्त रूप ही हैं। उसमें उनका कुछ भी दोष नहीं है। गलत राह पर चलकर पापी मनुष्य ने क्या क्या पाया यह देखने के बजाय क्या क्या खोया यह सोचेंगे तो आपकी आंखें खुल जाएगी।

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