राज्यसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने
भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि धारा 26 के अनुसार हर व्यक्ति को अपने तरीके से पूजा करने और उसे अपनाने का अधिकार है, लेकिन कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाते हैं। वे लालच देकर, शादी का झांसा देकर, बीमारियां ठीक करने का दावा करके या आर्थिक लाभ देकर धर्म परिवर्तन जैसे काम करते हैं। कई बार लोग दबाव में आकर भी धर्म परिवर्तन करते हैं। कई राज्यों में इस पर कानून बनाए गए हैं। राजस्थान में भी जब बीजेपी सरकार ने ऐसा कानून बनाया था तो राज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया था और तब से यह कानून लंबित था। लेकिन, अब राजस्थान सरकार अवैध धर्मांतरण रोकथाम अधिनियम नाम का कानून लेकर आ रही है।
उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत 2024 से यह प्रावधान होगा कि अगर किसी ने शादी का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया, तो उस व्यक्ति के माता-पिता, चाचा-चाची जैसे किसी भी संबंधी को शिकायत दर्ज करने का अधिकार होगा। अगर कोई संस्था सामूहिक रूप से ऐसा करती है, तो उन्हें सरकार से मिलने वाली सहायता बंद कर दी जाएगी और उनके कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस कानून में जबरन, बहला-फुसलाकर या लालच देकर धर्मांतरण कराए जाने पर पीड़ित को 5 लाख रुपए तक मुआवजा देना होगा। साथ ही एक से ज्यादा बार अपराध करने वालों को दो गुना तक सजा हो सकेगी।
अवैध धर्मांतरण रोकथाम पर लगेगी लगाम
बीजेपी नेता घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि यह कानून समय की मांग है और भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस कदम का समर्थन और स्वागत करती है। हालांकि, इस कानून को लेकर कुछ गलतफहमियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है। कुछ लोग इसे ज़मीन हथियाने से जोड़ रहे हैं, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। इस कानून का मकसद केवल यह है कि अगर कोई लालच देकर धर्म परिवर्तन करता है, तो इसे अपराध माना जाएगा। ऐसे में अवैध धर्मांतरण पर भी लगाम लगेगी।