आलू बुखारा 5 दाने, कासनी के बीज तीन ग्राम, कद्दू के बीज तीन ग्राम, बेहदाने का लुआब तीन ग्राम लेकर जोशांदा बना लें। उसमें अर्क गाउज़बान 72 ग्राम, अर्क गुलाब 72 ग्राम, शर्बत नीलोफर 24 ग्राम, शर्बत ख़ाकसी 5 ग्राम मिलाकर बना लें। सुबह-शाम लेने से फायदा मिलता है।
ये काढ़ा गर्भवती महिलाओं को नहीं दे सकते हैं। इसके अलावा बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को दे सकते हैं। इसे दिन भर में दो बार दे सकते हैं। बुखार उतरने के बाद भी देना चाहिए। बुखार के बाद कमजोरी दूर होती है। ये जुकाम में भी कारगर है।
काढ़ा पीते समय कुछ सावधानियां भी ध्यान रखनी चाहिए, यथा उस दिन ठंडा पानी न पिएं। इसके साथ ही हवा से भी बचना चाहिए और जहां तक हो सकें गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। ज्यादा काढ़ा भी नहीं पीना चाहिए अन्यथा शरीर में गर्मी का प्रकोप हो सकता है।