बच्चों के शरीर को ठंडक देने के लिए शीतली प्राणायाम करवा सकते है। शुरुआत में दो मिनट करें फिर धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाएं। इससे नकारात्मक भाव खत्म होता है। इसके अलावा वृक्षासन, ताड़ासन भी बच्चों के लिए लाभकारी है। इससे हाइट और एकाग्रता बढ़ती है। अस्थमा की दिक्कत है तो अपनी क्षमता के अनुसार ही करें। योग आराम से करें जल्दबाजी न करें। बच्चों को योग कराने से पहले योग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
व्यस्कों के लिए शशांक आसन बेहतर है। इससे रक्त प्रवाह ठीक रहता है। मस्तिष्क, आंख व याद्दाश्त ठीक रहती है। इससे शांति मिलती है व चिंता से छुटकारा मिलता है। फेफड़े और पाचन तंत्र मजबूत होता है। उच्च रक्तचाप या चक्कर आने की दिक्कत रहती है तो इसे बिलकुल भी न करें।
गर्भवती को सूक्ष्म क्रियाएं करनी चाहिए। ज्यादा भरी आसन नहीं करने चाहिए। उत्तानपाद आसन लाभकारी है। इसके लिए भूखे नहीं रहना पड़ता है। इससे पैर के अंगूठे से लेकर पेट के निचले हिस्से तक खिंचाव आता है। सुबह-शाम खुली हवा में टहलें, खानपान का भी ध्यान रखें।
मांसपेशियों की जकडऩ और ऑपरेशन करा चुके बुजुर्ग कोई भी कठिन आसान नहीं कर सकते हैं। प्राणायाम उनके लिए बेहतर है। साथ ये सूक्ष्म क्रियाएं कर सकते है। प्राणायाम का समय शरीर की ताकत के अनुसार रखें। गर्मियों में कपालभाति न करें इससे गर्मी पैदा होती है।