जानें तलवार की खासियत ‘मैसूर टाइगर’ के नाम से प्रसिद्ध सुल्तान की वर्ष 1799 में सेरिंगपटम में युद्ध के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी के मेजर थॉमस हार्ट इन हथियारों को अपने साथ ले आए थे।
18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान से जुड़ी कुल 30 चीज़ें नीलाम की गई। इनमें उनकी एक ख़ास तलवार भी है, जो लगभग 21 करोड़ रुपए में नीलाम हुई। इस तलवार की मूठ पर रत्नजड़ित बाघ बना हुआ है। ‘टाइगर ऑफ मैसूर’ कहे जाने वाले टीपू सुल्तान की ज्यादातर चीजों में उनका प्रतीक बाघ अंकित मिलता है।
इस तलवार को बनाने के लिए ज्यादा कार्बन की मात्रा वाली बुट्ज नामक स्टील का इस्तेमाल किया जाता था। यह तलवार इतनी तेज थी कि अगर किसी ने लोहे का कवच भी पहना हो तो ये उसे भी चीर सकती थी। इस तलवार की मूठ पर कुरान की आयतें लिखी होती थीं जिसमें युद्ध फ़तेह के सन्देश अंकित थे।