समय डेढ़-दो साल बढ़ जा रहा आगे
स्थानीय लोगों का कहना है कि टाइम को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल पर समय बदल जाता है। लॉकडाउन के समय मोबाइल पर 2023 दिख रहा था। मगर कुछ समय पहले से 2024 दिख रहा है। यहां से गुजरने वाले लोगों के मोबाइल की घड़ी का समय बदल जा रहा है। यह टाइम कुछ देर के लिए नहीं बल्कि समय डेढ़-दो साल आगे बढ़ जा रहा है। तारीख और समय में भी परिवर्तन हो जा रहा है।
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बायोमेट्रिक अटेंडेस में आती है परेशानी
तैमारा घाटी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की प्रधान अध्यापिका का कहना है कि बायोमेट्रिक अटेंडेस में काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब भी वह बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाती हैं तो यह अटेंडेंस 2023 या 2024 का बन जाता है। परेशान होकर स्टाफ अब अटेंडेंस के लिए रजिस्टर तैयार किया गया है।
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गाड़ियों की लाइट हो जाती है बंद
तैमारा घाटी स्थित मंदिर मे रहनेवाले (केयर टेकर) लक्ष्मण नायक का कहना है कि यहां पर कभी कभी गाड़ियों की लाइट अपने आप बंद हो जाती है। उनका मानना है कि यहां कोई दैवीय शक्ति है जिस कारण ये स्थिति देखने को मिलती है। मोबाइल के टाइम जोन के साथ ही कई बार गाडियों की लाइट भी बंद हो जाती है।
बदल जाती है कंपास के सुई की दिशा
वहीं, पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी का कहना है कि यह घटना उनके सामने आई है। कई लोगों ने उन्हें मैसेज भी किया है। उन्होंने अपने मोबाइल फोन के माध्यम से चुंबकीय प्रभाव को बताने की कोशिश की और उन्होंने यह कर के दिखाया कि जैसे ही चुंबक को मोबाइल फोन के कंपास के निकट ले जाया जाता है और उसे दायें-बाएं किया जाता है। कंपास के सुई की दिशा बदल जाती है।