हंगरी की एलिजाबेथ बाथरी (Elizabeth Bathory) को इतिहास में एक सीरीयल किलर की तरह माना जाता है। एक अनुमान के मुताबिक एलिजाबेथ ने लगभग 650 लोगों की हत्या की थी। इस औरत के बारे में कई फिल्में बन चुकी है लेकिन कोई भी ऐसी फिल्म नहीं बन पाई जो इसकी असली दरिंदगी को दिखा सके।
कौन थीं एलिजाबेथ (Elizabeth Bathory)? एलिजाबेथ बाथरी (Elizabeth Bathory) हंगरी साम्राज्य के एक अमीर घराने से थी। उसकी शादी फेरेंक नैडेस्डी नामक व्यक्ति से हुई थी, जोकि तुर्कों के खिलाफ युद्ध में हंगरी के राष्ट्रीय हीरो था। बताया जाता है कि एलिजाबेथ अपने पति के सामने भी लड़कियों का शिकार करती थी। वे स्लोवानिया के चास्चिस स्थित अपने महल में रहती थी तथा उसने वही सारी घटनाओं को अंजाम दिया था।
बताया जाता है कि एलिजाबेथ (Elizabeth Bathory) ने साल 1585 से 1610 के दौरान लगभग 650 से भी ज्यादा लड़कियों को काट कर उनकी हत्या कर दी थी और हत्या के बाद वह इनके खून को एक टब में भरवाती थी, फिर घंटों इससे नहाती थी।
माना जाता है कि उसे कुंवारी लड़कियों के खून से नहाने का शौक था। इसी के चलते वह लड़कियों को अपना शिकार बनाती थी। उसके शिकार में ज्यादात कुंवारी लड़कियां ही होती था। उसे लगता था कि इनके खून से नहाने से उसकी जवानी सारी उम्र बरकरार रहेगी।खुद को जवां रखने के जूनून ने उसे दुनिया की नंबर एक सीरियल किलर बना दिया।
गरीब लड़कियों को बनाती थी शिकार बताया जाता है कि वे गांवों से गरीब लड़कियों को बहला फुसला कर अपने महल में बुलाती थी और लड़कियां जैसे ही महल में आती उनको काटने लगती। इतना ही नहीं बर्बरता से उनकी पिटाई की जाती थी। उनके शरीर के एक एक अंग को काटती थी और उनका खून एक टब में जमाकर उसमें घंटो नहाती था।
महल में ही तोड़ा दम एलिजाबेथ (Death of Countess Elizabeth Bathory)के आतंक से तंग आकर गांव के लोगों ने हंगरी के राजा से पूरा बात बताई इसके बाद राजा ने च करने के लिए अपने लोगों का एक दल भेजा। जांच दल ने जब उसके महल की छानबीन की वो दंग रह गए उन्हें महल में लड़कियों की कई विकृत लाशें तथा कई ज़िंदा लडकिया बेड़ियों में जकड़ी हुई मिली। इसके बाद साल 1610 में हंगरी के राजा के आदेश के बाद उसे तीन नौकरों के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे महल में ही कैद कर दिया गया था। करीब 4 साल बाद उसकी इसी महल में मौत हो गई थी।
ड्रैकुला’ में लिखी है एलिजाबेथ की हैवानियत उपन्यासकार ब्राम स्टोकर ने एलिजाबेथ बाथरी के जीवन पर आधारित एक उपन्यास लिखा था, जिसका नाम ड्रैकुला था। उपन्यास के मुताबिक, बाथरी के निशाने पर ज्यादातर गांव की लड़कियां होती थीं, क्योंकि वह आसानी से उसके चंगुल में फंस जाती थीं।