प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फैला था Spanish flu
11 नवम्बर 1918 में प्रथम विश्व युद्ध (World War I) समाप्त हुए थे। इस युद्ध में क़रीब दो करोड़ लोग मारे गए थे। पूरी दुनिया युद्ध के परिणामों से उबर ही रही थी की स्पेनिश फ्लू के भयानक संकट ने घेर लिया। इस वायरस के शुरुआती मामले मार्च 1918 में सामने आए थे। देखते ही देखते ये वायरस पूरी दुनिया में फैल गया।स्पेनिश फ़्लू’ के नाम के पीछे की कहानी
Spanish flu वायरस के नाम के पीछे भी एक कहानी है। दरअसल, जब ये वायरस पूरी दुनिया में फैल रहा था तो ज्यादातर देश इसे छुपाने की कोशिश कर रहे थे। क्योंकि ज्यादातर देशों का मानना था कि इस खबर से सैनिकों का मनोबल टूट जाएगा साथ ही वे अपने दुश्मनों की नजर में कमजोर पड़ जाएगें। लेकिन स्पेन ने इस बिमारी को छिपाया नहीं। इसके लोगों ने इस स्पैनिश फ्लू का नाम दे दिया।स्पेनिश फ्लू ने ली थी करोड़ों की जान
स्पेनिश फ्लू ( (Spanish flu)) ने 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान ली थी। ये वायरस ने उस वक्त की 1.7 फीसदी आबादी को निगल गई थी। इस वायरस के चलते एक करोड़ से अधिक लोगों ने जान गवाई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक एड्स से जितने लोग 24 साल में मरे थे उतने Influenza Virus से 24 हफ्ते में मारे गए थे।