वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी से उलट टाइटन की झीलें अलग-अलग सामग्रियों से भरी हुई हैं। तरल मीथेन की बहती हुई धाराएं टाइटन की बर्फीली सतह पर मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें – पाताल लोक! जमीन से 3 हजार फीट नीचे बसे इस गांव में लोग जी रहे हैं ऐसी जिंदगी वहीं नाइट्रोजन हवाओं से हाइड्रोकार्बन रेत के टीले बनते हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी मैथ्यू लैपोट्रे की टीम ने ये अध्ययन कर खुलासा किया है, कि सौरमंडल पर एक और धरती जैसा ग्रह है।
उनके मुताबिक टाइटन पर अलग-अलग टीले, मैदान और ऊबड़-खाबड़ इलाके बने हैं। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में प्रकाशित इस शोध से पता चलता है कि मौसम चक्र चंद्रमा की सतह पर दानों की गति को कैसे संचालित करता है।
वैज्ञानिक लंबे समय से यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इसके मूल ऑर्गैनिक कंपाउंड दानों में कैसे बदल सकते हैं, जो अलग-अलग संरचनाएं बनाते हैं।
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