जिन्हें है कोरोना से सबसे अधिक है खतरा, उन्हें ही नहीं दी जा सकती Russian Vaccine! एक रिपोर्ट के मुताबिक रूसी कोरोना वैक्सीन (Russian Corona Vaccine) की जांच सिर्फ 38 लोगों पर की गई थी। इसके साथ ही इस वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट्स (Side effects) की बात भी सामने आ रही है। डेली मेल के मुताबिक इसे सिर्फ 38 लोगों पर जांच के बाद मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा रूसी कोरोना वैक्सीन (Russian Corona Vaccine) का फेज-3 ट्रायल नहीं किया गया है जिसको लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है।
जानकारें का कहना है कि फेज-2 और फेज-3 ट्रायल के बाद ही वैक्सीन के सफल या असफल होने का पता चल सकता है। ऐसे में अगर फेज-3 ट्रायल ही न हो तो वैक्सीन (Russian Corona Vaccine) सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिपोर्ट रूसी अधिकारियों ने सिर्फ 42 दिन के रिसर्च के बाद कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी।
इस वैक्सीन (Russian Corona Vaccine) को लेकर अमेरिका ने भी रूस पर संदेह जताया है। US स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंथोनी फॉसी ने बताया कि रूस और चीन दोनों के ऊपर सही प्रक्रिया का पालन करने पर शक है। उनका कहना है कि कहना है कि पुतिन सरकार ने जल्दबाजी दिखा कर अपने ही नागारिकों की जान जोखिम में डाली है।
मामूली पेंटर से देश के सबसे मशहूर शायर कैसे बने राहत इंदौरी? जानें 10 दिलचस्प बातें इन सब के अलावा WHO भी इस वैक्सीन को लेकर खुश नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रूस ने उसके साथ वैक्सीन संबंधी कोई जानकारी साझा नहीं की है।WHO ने बताया कि रूस ने इस दवा को क्लीनिकल ट्रायल्स के केवल पहले चरण के नतीजे सार्वजनिक किए हैं लेकिन उन्होंने परीक्षण के सफल होने का दावा किया