इस आर्मी में काम करने वाले लोग नौकरी पेशा करने वाले आम लोग ही होते हैं। ये लोग अलग-अलग शहरों से ताल्लुक रखते हैं। ये लोग अपने इलाकों के रेस्टोरेंट और लोगों के संपर्क में रहते हैं। ये लोग रेस्टोरेंट से बचा खाना ले लेते हैं ताकि उन्हें गरीबों में बांटा जा सके। ऐसा करने से बचा हुआ खाना बर्बाद भी नहीं होता है और जरूरतमंदों तक पहुंच भी जाता है। इतना ही नहीं रविवार के दिन ये रेस्टोरेंट्स गरीबों के लिए खास खाना भी बनाते हैं। इस संस्था ने भूख के खिलाफ जंग छेड़ रखी है।
श्रीलंका में 70 साल के हाथी को नहीं मिला है अभी तक रिटायरमेंट, इस हालत में भी कराया जा रहा है काम
कैसे काम करती है रॉबिनहुड आर्मी‘रॉबिनहुड आर्मी’ एक एनजीओ है। कई शहर के होटल में इनका नंबर रजिस्टर होता है। जिस रेस्टोरेंट में खाना बच जाता है, वहां से लोग इन्हें कॉल करते हैं। एनजीओ के मेंबर वहां से खाना लाकर गरीबों में बांट देते हैं। इस सेवा से खाना बर्बाद भी नहीं होता और गरीबों का पेट भी भर जाता है।
वो 5 आईएएस ऑफीसर जिन्होंने किए समाज के लिए बेहतरीन काम, जानकर ठोकेंगे सलाम
हर साल आज़ादी के दिन होता है टारगेटसाल 2014 में दिल्ली से इसकी शुरुआत हुई। नील घोष और आनंद सिन्हा पुर्तगाल ने इसकी शुरआत की। हर साल आज़ादी के दिन ये संस्था ने भारत और पाकिस्तान को मिलाकर करीब पांच लाख गरीबों को खाना खिलाने का टारगेट तय करती है। लोग सोशल मीडिया के ज़रिए इस पहल का हिस्सा बनते हैं और गरीबों तक खाना पहुंचाने में योगदान देते हैं।