इस खास उपकरण को फ्लुसेंस ( FluSense ) नाम दिया गया है। इस उपकरण को लेकर चार क्लिनिकल ट्रायल के तहत क्लासों में आठ महीने की अवधि तक इसका परीक्षण किया गया। फ्लुसेंस डिवाइस में ‘नॉन-स्पीच’ ऑडियो सैंपल रिकॉर्ड करने के अलावा बॉडी टेम्परेचर को स्कैन करने के लिए एक थर्मल कैमरा भी मौजूद है।
कोरोना वायरस के डर के बीच यह वीडियो लोगों को मुस्कुराने की वजह बना..आखिर क्या खास है इसमें
डिवाइस ( Device ) का शुरुआती परीक्षण दिसंबर 2018 और जुलाई 2019 के बीच किया गया था। परीक्षण के दौरान ( FluSense ) उपकरणों ने 21 मिलियन से अधिक गैर-भाषण ऑडियो नमूनों और 350,000 थर्मल इमेज ( Thermal images ) को जांचा गया।
इस बनाने वाले तौहिदुर रहमान के मुताबिक फ्लुसेंस डिवाइस का मतलब व्यक्तिगत बीमारी के मामलों को बाहर निकलना नहीं है, लेकिन जनसंख्या के आधार पर रुझानों को लेकर यह देखना है कि क्या कुछ विकसित हो रहा है जो कि अभी तक मेडिकल परीक्षण में इस्तेमाल नहीं किया गया।
मछलियों के लिए छोड़ दी प्रोफेसर की नौकरी, महीने की कमाई ₹1 लाख रुपए
उन्होंने बताया कि ‘मैंने सोचा कि अगर हम सार्वजनिक स्थानों से खांसी या छींक की आवाज़ को पकड़ सकते हैं जहां बहुत सारे लोग स्वाभाविक रूप से एकत्र होते हैं, तो हम इस जानकारी का उपयोग महामारी विज्ञान के रुझानों की भविष्यवाणी के लिए डेटा के एक नए स्रोत के रूप में कर सकते हैं,’
फ्लुसेंस डिवाइस को बनाने का मकसद के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि ‘मैंने सोचा कि अगर हम सार्वजनिक स्थानों से खांसी या छींक की आवाज़ को पकड़ सकते हैं जहां भीड़ भारी तादाद में जुटी रहती हैं, तो हम इस जानकारी का उपयोग महामारी विज्ञान के रुझानों की भविष्यवाणी के लिए डेटा के एक नए रिसोर्स के रूप में कर सकते हैं।