ज्यादातर लोग टेंशन हेडेक से पीड़ित होते हैं। यह मानसिक दबाव और उत्तेजना से होता है। दबाव से शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और एड्रेनलिन हार्मोन (ब्लड प्रेशर सामान्य रखता है) कम होने लगता है। सिकुडन से गर्दन और सिर की मांसपेशियां कड़ी होकर दर्द का कारण बनती हैं जबकि हार्मोन की कमी से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन, ब्लड प्रेशर और हार्टबीट बढ़ जाती है। जिससे दर्द का अनुभव होने लगता है।
कारण: साइनोसाइटिस, दांतदर्द, कमजोर नजर और सिवियर हाइपरटेंशन आदि से भी सिरदर्द हो सकता है। सावधानी: विशेषज्ञों के मुताबिक बार-बार सिरदर्द होने पर उसकी पूरी जांच पड़ताल और इलाज करवाना चाहिए। लापरवाही बरतने पर अवसाद, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की धडक़न बढऩे जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जो लोग दर्द होते ही दवा खा लेते हैं, उनमें क्रॉनिक हेडेक (लंबे समय तक) की समस्या ज्यादा होती है।