जानकारी के मुताबिक पुणे निवासी 16 वर्षीय प्रथमेष जाजू ने यह कारनामा किया है। प्रथमेष ने चंद्रमा की आज तक खींची गई सबसे साफ तस्वीर बनाने के लिए ना केवल बहुत मेहनत की बल्कि काफी शोध भी किया। जाजू ने चंद्रमा की करीब 50,000 फोटो खींची और फिर उन सभी तस्वीरों को एक-दूसरे के साथ जोड़कर अब तक सबसे क्लीयर और शार्प फोटो बना दी। इस काम में यानी खींची गई फोटो-वीडियो को जोड़ने (प्रॉसेस करने) में जाजू को करीब 40 घंटे लगे।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रथमेष जाजू ने कहा, “मैंने 3 मई को रात 1 बजे इन तस्वीरों को कैप्चर किया। मैंने तकरीबन चार घंटे तक फोटो और वीडियो शूट किए। इसके बाद इनकी प्रोसेसिंग में 38 से 40 घंटे लगे। 50,000 फोटो खींचने का मकसद चंद्रमा की सबसे स्पष्ट फोटो हासिल करना था।”
प्रथमेष ने आगे कहा, “मैंने इन सभी तस्वीरों को एक साथ सिल दिया यानी जोड़ दिया और फिर शार्प किया ताकि चंद्रमा की महीन जानकारी भी दिखे। इन सभी फोटो-वीडियो का साइज 100 जीबी था और प्रोसेसिंग के बाद यह डाटा बढ़कर करीब 186 जीबी तक पहुंच गया। जब मैंने इन सभी को जोड़ दिया तक जाकर फाइनल फाइल यानी अंतिम तस्वीर बनी, जो करीब 600 एमबी की है।”
इस तरह की तस्वीर हासिल करने का विचार कहां से आया, के सवाल पर जाजू ने कहा, “मैंने कुछ आर्टिकल पढ़ें और यूट्यूब पर कई वीडियो देखे ताकि सीख सकूं कि ऐसी तस्वीरें कैसे लेते हैं। फिर मैंने इनकी प्रोसेसिंग भी सीखी।”
बता दें कि प्रथमेष जाजू पुणे के विद्या भवन स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ता है। उनके पिता का कंप्यूटर सेल्स और रिपेयर का व्यवसाय है, जबकि मां एक गृहणी हैं। फोटोग्राफी के अलावा प्रथमेष को एथलेटिक्स पसंद है। उसने एथलेटिक्स की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया है। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले प्रथमेष के इंस्टाग्राम पर 26,500 फॉलोअर्स हैं।
अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए प्रथमेष ने कहा, “मैं एक एस्ट्रोफिजिसिस्ट यानी अंतरिक्ष विज्ञानी बनना चाहता हूं और एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई करना चाहता हूं, लेकिन फिलहाल एस्ट्रोफोटोग्राफी मेरे लिए केवल एक हॉबी है।”
प्रथमेष ने चंद्रमा की इस सबसे स्पष्ट फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके बाद इंस्टाग्राम पर इसे 11,000 से ज्यादा लोग पसंद कर चुके हैं। प्रथमेष ने कहा, “यह तस्वीर दो अलग-अलग तस्वीरों का एक एचडीआर कंपोजिट है, जो इसे त्रि-आयामी प्रभाव दे रहा है। यह चंद्रमा के तीन चौथाई खनिज वाले हिस्से की सबसे ज्यादा जानकारी देने वाली और स्पष्ट तस्वीर है।”
उसने आगे कहा, “हमारी नजरें चंद्रमा पर मौजूद खनिजों के रंग में अंतर नहीं कर सकती हैं। नीला टोन उन इलाकों को दिखाता है जो इल्मेनाइट समृद्ध हैं यानी जिनमें आयरन, टाइटेनियम और ऑक्सीजन हैं। जबकि नारंगी और बैंगनी रंग टाइटेनियम और आयरन की कमी वाले इलाके दिखाते हैं। वहीं, सफेद/कत्थई इलाके ऐसे हैं, जो सूर्य की रोशनी के ज्यादा संपर्क में आते हैं।”