पाकिस्तान में नैचुरल गैस के रिजर्व में कमी आ गई है। इस वजह से एडमिनिस्ट्रेशन ने इसकी सप्लाई घटा दी है। गैस की कमी से महंगाई भी बढ़ गई है। लोगों के लिए गैस सिलिंडर खरीदना मुश्किल हो गया है। इसकी तुलना में अवैध तरीके से बिकने वाली ये थैलियां खरीदना आसान और सस्ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दोबारा इस्तेमाल होने वाली ये प्लास्टिक की थैलियां आकार के मुताबिक 500-900 पाकिस्तानी रुपये तक में आ जाती हैं, जबकि कंप्रेसर की कीमत 1500-2000 रुपये तक है।
भुखमरी और कंगाली की हालत से गुजर रहे पाकिस्तान की इसी बीच एक ऐसी वीडियो सामने आया जिसमें दिख रहा है कि वहां सिलिंडर में भरी जाने वाली गैस के भी लाले पड़े हुए हैं। हालत यह है कि वह गैस प्लास्टिक की थैलियों और गुब्बारों में भरकर बेची जा रही है। सिलेंडर की महंगी कीमत के कारण व्यापारियों से लेकर घरों तक में ये थैलियां ही यूज की जा रही हैं।
गैस पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ी दुकानों में थैलियों के अंदर गैस भरकर बेच दी जाती है। लोग छोटे इलेक्ट्रिक सक्शन पंप की मदद से इसका इस्तेमाल रसोई में करते हैं। गैस पाइपलाइन नेटवर्क का कनेक्शन रखने वालों ने इसे इतना बड़ा धंधा बना लिया है कि पुलिस को बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां करनी पड़ रही हैं। पुलिस और ऑयल एंड गैस रेगुलेटर अथॉरिटी (OGRA) ने मिलकर सख्त अभियान चलाया है। इसी महीने थैलियों में गैस भरने का काम करने वाले 16 लोग गिरफ्तार भी हुए हैं। इसके बावजूद इन थैलियों के धंधे को नहीं रोक पाए हैं।
एक्सपर्ट की मानें तो उनका कहना है कि यह तरीका लोगों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। गैस जमा करने का यह तरीका बेहद खतरनाक है, इसमें धमाका होने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही यह गैस इस्तेमाल करने का अवैध तरीका भी है और इसके बम की तरह फटने के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद सस्ता होने के कारण लोग इस तरीके का जमकर यूज कर रहे हैं।
इस्लामाबाद के एक चिकित्सा अधिकारी के अनुसार, उनके सेंटर पर हर रोज औसतन आठ ऐसे मरीज आते हैं, जो इन थैलियों में हुए विस्फोट और संबंधित हादसों में जख्मी हुए होते हैं। कुछ मरीज तो बेहद गंभीर रूप से घायल होते हैं। तमाम लोग तो ऐसे हैं जो अस्पताल पहुंचते ही नहीं। डाक्टरों के मुताबिक, इससे जान भी जा सकती है पर लोगों का कहना है कि उनके पास कोई उपाय नहीं, क्योंकि सिलेंडर महंगे हैं। सोशल मीडिया पर वहां के तमाम लोगों ने इस समस्या को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं और तुरंत रोकथाम की मांग की है।