उत्तर – मिर्गी कोई बीमारी नहीं है। यह शारीरिक तंत्रिकीय गड़बड़ी (न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर ) का लक्षण है। मस्तिष्क की कोशिकाएं एक साथ मिलकर कार्य करती हैं और विद्युत संकेतों के माध्यम से परस्पर संपर्क में रहती हैं। कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि किसी कोशिका समूह से असाधारण मात्रा में विद्युत प्रवाह पैदा होता है, जिससे दौरा पड़ता है।
उत्तर – मिर्गी को दो भागों में बांटा गया है। प्राथमिक मिर्गी और द्वितीयक मिर्गी। प्राथमिक मिर्गी में या तो कारण पता नहीं होता या फिर मिर्गी का इतिहास पारिवारिक होता है। कारण अज्ञात होने के कारण इसे इथियोपिक या अज्ञात हेतुक भी कहा जाता है। यह पाया गया है कि यदि माता-पिता में किसी को मिर्गी है तो उनकी होने वाली संतान में मिर्गी की आशंका 2.5 प्रतिशत होती है। द्वितीयक मिर्गी के कई कारण हैं सेरेब्रल पाल्सी(दिमागी लकवा), सिर में चोट लगना, जन्मजात विकृतियां, मस्तिष्कीय गांठ या रसौली और मस्तिष्कीय संक्रमण।
उत्तर – सामान्य रूप से मिर्गी में आदमी बेहोश हो जाता है। पूरा शरीर अकड़ जाता है। फिर जोर से झटके आने लगते हैं। आंखें ऊपर की ओर खिंच जाती हैं। दांत दब जाते हैं और मुंह से झाग निकलने लगता है।
उत्तर – मिर्गी के लिए कई जांचों जैसे ई. ई. जी, ब्रेन मैपिंग, सी.टी.स्केन, एम. आर. आई., पी.ई.टी. का प्रयोग किया जाता है। इसे नियंत्रित करने के उपायों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की दवाइयों का प्रयोग किया जाता है जो विशेषकर विद्युत प्रवाह को कम करती हैं। इस समस्या का उपचार सर्जरी द्वारा भी किया जाता है।