एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की लग्ज़री कार कंपनियों में शुमार मर्सिडीज़ ( Mercedes ) के फॉर्मूला वन ( Formula 1 ) के इंजीनियरों ने लंदन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना के मरीजों के लिए एक खास ब्रीदिंग डिवाइस का इजाद किया है जिसकी वजह से मरीजों को आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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यह डिवाइस ऑक्सीजन मास्क और वेंटिलेटर ( Ventilators ) की कमी को पूरा करता है। विशेषज्ञों की टीम ने रिवर्स इंजीनियरिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल कर इसे बनाया है जिसे कॉन्टिन्यूअस पॉज़िटिव एयरवे प्रेशर यानी CPAP नाम दिया गया है। जिसके जरिए सीमित मेडिकल संसाधनों के बीच गंभीर रूप से संक्रमित मरीज़ों की जान बचाई जा सकेगी।
मर्सिडीज़ ने इस डिवाइस को महज़ 4 दिनों में तैयार कर लिया। फिलहाल इसे लंदन यूनिवर्सिटी के अस्पतालों में क्लीनिकल ट्रॉयल के लिए भेजा जा चुका हैं। अगर इस डिवाइस का क्लीनिकल ट्रॉयल सफल हो जाता है तो हर दिन एक हज़ार तक ये डिवाइस तैयार की जा सकती है।
ऐसी उम्मीद कि जा रही है कि जल्द ही ब्रिटेन के अस्पतालों में इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को जब सांस लेने में तकलीफ होती है और उनके लिए सिर्फ ऑक्सीजन ही काफी नहीं रह जाती है तो इस स्थिति में उन्हें वेंटिलेटर या फिर CPAP मशीनों से सांस लेने में मदद मिलती है।
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CPAP मशीनों के जरिए मरीजों को सांस लेने के लिए बेहोश करने की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं वेंटिलेटर में मरीज़ को बेहोश रखना पड़ता है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे सक्षम देशों में भी हालात इतने खराब हैं कि डॉक्टर्स वेंटिलेटर्स को पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहे हैं।