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जानिए महाशिवरात्रि क्यों हैं कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा त्योहार, अद्भुत है रहस्य

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पर्व को ही जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) में हेरथ (Herath) के नाम से जाना जाता है

Feb 21, 2020 / 02:03 pm

Vivhav Shukla

नई दिल्ली। आज पूरा देश महाशिवरात्रि का पर्व मना रहा है।महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पर्व को ही जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) में हेरथ (Herath) के नाम से जाना जाता है।ये कश्मीरी पंडितों (kashmiri pandits) का सबसे बड़ा त्योहार है। हेरथ (herath festival) शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका हिंदी अर्थ है हररात्रि या शिवरात्रि।
हेरथ (herath festival) का त्योहार जम्मू कश्मीर (jammu and kashmir) में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। हेरथ को जम्मू कश्मीर के संस्कृति को संरक्षित करने का त्योहार माना जाता है।

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कश्मीरी हिन्दू कैलेंडर (kashmiri hindu calendar) के अनुसार इसी दिन शिव परिवार की स्थापना की जाती है।साल 1990 में कश्मीर से विस्थापित होने के कारण कश्मीरी पंडित परिवार हर रीत को सम्भाल कर रखने का प्रयास कर रहे हैं।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन महादेव को उनके परिवार के साथ घर में स्थापित करने से वह वटुकनाथ मेहमान बनकर रहते हैं. कश्मीरी पंडितों के लिए यह त्योहार काफी खास होता है। पूरे कश्मीर में हेरथ पर्व की तैयारी लगभग एक महीने पहले ही शुरू कर दी जाती है।

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कश्मीरी पंडित महाशिवरात्रि के पूजा के दौरान कलश सजाते हैं।जो भगवान शिव के बरातियों का स्वरूप होते हैं। एक अलग से कलश स्थापित किया जाता है। जिसकी पूजा सबसे पहले की जाती है, उसके बाद भगवान शिव, पार्वती व बरातियों की पूजा करते हैं।बता दें कश्मीरी पंडित महाशिवरात्रि की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं।

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