भगवान श्रीराम का ये चमत्कारिक मंदिर मध्य प्रदेश में है। माना जाता है कि ओरछा शहर में सूरज की पहली किरण निकलने पर भगवान राम दर्शन देने आते हैं। यहां प्रभु राम को राजा के रूप में जाता है इसीलिए उनके स्वागत में भक्त बूंदूक की सलामी देते हैं। वे रोज सुबह के समय यहां आते हैं और सूरज ढलने के बाद यहां से चले जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार शहर में मधुकर साहब नाम के राजा हुआ करते थे और उनकी रानी का नाम गणेश कुमारी था।
राजा मधुकर कृष्ण भक्त थे जबकि उनकी पत्नी यानी रानी गणेश कुमारी राम भक्त थीं। बताया जाता है कि दोनों में पूजा को लेकर मतभेद हो गए। राजा ने रानी को भगवान राम को ओरछा बुलाने की चुनौती दे डाली। इसी बात से नाराज रानी गुस्से में अयोध्या के लिए निकल गईं। वहां उन्होंने घोर तप किया, लेकिन जब भगवान राम नहीं आए तब उन्हें सरयू नदी में कूदकर अपनी जान देने की कोशिश की। तब रानी को बचाने के लिए प्रभु राम प्रकट हुए। रानी ने प्रभु से अपने मन की बात कही। भक्त की इच्छा को देख श्रीराम ने उनके साथ ओरछा चलने और वहां विराजमान होने का वचन दिया। माना जाता है कि तभी से ओरछा के महल में हर रोज भगवान राम आते हैं।