लेकिन अश्वाक की ज़िंदगी में अभी और भी गम थे, आईएस के लड़ाकों ने 100 डॉलर में अबू हुमाम के साथ उसका सौदा कर दिया। आईएस के चंगुल से छूटने के बाद हुमाम के जाल में फंस चुकी अश्वाक के साथ रोजाना यौन दुराचार और अत्याचार होने लगे। लगातार तीन महीने तक असहनीय दर्द झेलने के बाद अश्वाक को मौका मिला तो वो हुमाम की कैद से छूटकर भाग निकली। हुमाम के चंगुल से निकलते ही अश्वाक अपनी मां और भाई के साथ जर्मनी जा पहुंची। लेकिन हुमाम उसका पीछा करते-करते जर्मनी भी पहुंच गया। एक दिन स्कूल जाते वक्त अश्वाक एक सुपरमार्केट के पास से गली के रास्ते गुज़र रही थी, तभी कार में सवार हुमाम वहां पहुंच गया और उसे आवाज़ लगाई।
अश्वाक ने हुमाम को पहचानने से इंकार कर दिया, लेकिन हुमाम ने जर्मनी में उसके परिवार की पूरी कुंडली बता डाली। हुमाम से ऐसी मुलाकात के करीब पांच दिन बाद अश्वाक ने पुलिस से शिकायक की। लेकिन हुमाम का कोई पता-ठिकाना नहीं पता चला। एक महीने तक इंतज़ार करने के बाद अश्वाक अपने परिवार के साथ इराक लौट गई। अश्वाक ने बताया कि उसकी ज़िंदगी का हर एक पल डर के साए में बीतता है कि कहीं दोबारा हुमाम उस तक न पहुंच जाए। दरिंदगी की कहानी को बयां करते हुए अश्वाक ने कहा कि वो अब दोबारा कभी उन दर्द भरे दिनों को नहीं देखना चाहती। अश्वाक अब अपने पूरे परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया जाना चाहती है।