बचपन में खो दिया था एक पैर, फिर भी नहीं हारी हिम्मत, आज है बॉडी बिल्डर
अगर इंसान के अंदर कुछ करने का जज्बा हो तो वह कुछ भी कर सकता है। ऐसे लोगों के सामने कैसी भी परेशानी हो वह बिल्कुल भी नहीं घबराते है। वह हर मुकिश्ल को पार कर अपने लक्ष्य को हासिल करके ही दम लेते है। इन लोगों के काम की सभी तारीफ करते है और समय-समय पर उनके उदाहरण भी दिए जाते है।
अगर इंसान के अंदर कुछ करने का जज्बा हो तो वह कुछ भी कर सकता है। ऐसे लोगों के सामने कैसी भी परेशानी हो वह बिल्कुल भी नहीं घबराते है। वह हर मुकिश्ल को पार कर अपने लक्ष्य को हासिल करके ही दम लेते है। इन लोगों के काम की सभी तारीफ करते है और समय-समय पर उनके उदाहरण भी दिए जाते है। आप आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे है जो बॉडीबिल्डर है। आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि 11 साल की उम्र में कैंसर के कारण एक पैर काटना पड़ा। हम बात कर रहे है सोनीपत के रहने वाले मोहित की।
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक ट्वीट चर्चा में है। खट्टर ने मोहित को लेकर एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।’ सोनीपत के बेटे मोहित का हौसला समाज के लिए प्रेरणादायी है। अब आपको बताते हैं मोहित की प्रेरणादायी कहानी। मोहित की जिंदगी से लोगों को प्रेरणा मिलती है इसलिए लोग उन्हें मैन ऑफ इंस्पिरेशन कहते हैं।
सोनीपत के रहने वाले मोहित की जिंदगी संघर्ष से भरी है, जो सभी के लिए प्रेरणादायक है। 11 साल की उम्र में उन्हें बोन कैंसर हो गया था। इसकी वजह से उनका एक पैर काटना पड़ा। मोहित को बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग का शौक था। उन्होंने एक पैर पर ही बॉडी बिल्डिंग बनाना चाहा। इसके बाद परिवार परेशान हो गया। लेकिन उन्होंने अपना बॉडी बिल्डिंग के सपने का नहीं छोड़ा। मोहित ने 2010 में कृत्रिम पैर लगवाया, लेकिन साल 2015 में दूसरा पैर फिसलने के कारण कृत्रिम पैर भी गंवा दिया। उन्होंने एक पैर पर ही चलने की प्रैक्टिस की। मोहित एक पैर से ही पूरा बैलेंस बनाकर चलते हैं। वह बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेता है।
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