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आज ही के दिन हुआ था शिमला समझौता, यहां जान लीजिए आखिर क्यों आया था इंदिरा गांधी को गुस्सा

1971 के युद्ध के बाद हुई थी ये संधि
भारत ने दिखाई थी दरियादिली
पाकिस्तान आज भी नहीं आया है अपनी नापाक हरकतों से बाज

Jul 01, 2019 / 05:19 pm

Prakash Chand Joshi

Simla Agreement

आज ही के दिन हुआ था शिमला समझौता, यहां जान लीजिए आखिर क्यों आया था इंदिरा गांधी को गुस्सा

नई दिल्ली: आजादी से पहले तक जिसे दुनिया भारत देश के रूप में जानती थी, वहीं आजादी के बाद दो हिस्से होने के चलते एक देश से निकलकर दो देश दुनिया के सामने आए और नाम थे भारत और पाकिस्तान ( Pakistan )। लेकिन पाकिस्तान की नाक में एक चीज हमेशा से ही खटकती रही और वो था कश्मीर मुद्दा। इसके लिए नाजाने पाकिस्तान कितने हथकंडे अपनाए, लेकिन उसकी एक न चली। इसके बाद साल 1971 में पाक ने जबरन भारत पर युद्ध थोपा, लेकिन पाकिस्तान को इसमें भी मुंह की खानी पड़ी। इसके बाद 2 जुलाई 1972 को शिमला समझौता ( Simla Agreement ) हुआ। इसी समझौते में कुछ ऐसा हुआ कि जिससे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गुस्सा आ गया।

 

Simla Agreement

क्यों आया इंदिरा को गुस्सा

हुआ कुछ यूं था कि इंदिरा गांधी ( Indira Gandhi ) एक दिन पहले ही शिमला ( Shimla ) पहुंच चुकी थी। हैरान करने वाली बात ये थी कि वो एक दिन पहले महज ये देखने के लिए वहां पहुंची थी कि कहीं बेनजीर भुट्टो और उसके शिष्टमंडल के रहने का इंतजाम ठीक ढंग से किया गया है या फिर नहीं। इंदिरा के सचिव पीएन धर के मुताबिक, इंदिरा वहां आई ओर जब उन्होंने भुट्टो के कमरे में अपनी फोटो लगी हुई देखी तो उन्होंने आसमान सिर पर उठा लिया। इंदिरा यही नहीं रूकी उन्होंने तुरंत अपनी तस्वीर को वहां से हटवाया ताकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति को ये न लगे कि वो लगातार उन पर नजर रखे हुए हैं।

Simla Agreement

हर जगह का किया मुआयना

इंदिरा गांधी ने कमरे के बाद बेनजीर भुट्टो ( Benazir Bhutto ) के टॉयलेट का मुआयना किया। हालांकि, यहां वो गुस्सा नहीं हुई क्योंकि यहां के इंतजाम उन्हें अच्छे लगे। साथ ही वो ये देखकर खुश भी हुई कि प्रसाधन की सारी चीजें भारती की बनी थीं। सचिव पीएन धर ने अपनी किताब ‘इंदिरा गांधी द एमरजेंसी एंड इंडियन डेमोक्रेसी’ में लिखा कि ‘इंदिरा गांधी ने टिप्पणी की भुट्टो को पता होना चाहिए कि भारत की अर्थव्यवस्था लोगों की जरूरतें पूरा करने में सक्षम है। वहीं इस शिमला संधि की ये बात भी पूरी तरह सच है कि पाकिस्तान ने महज तब तक ही इस संधि पर अमल किया जब तक उसके युद्धबंदी लौट नहीं गए और कब्जा की गई जमीन उसे वापस नहीं मिल गई। इसके बाद तो पाक ने अपनी नापाक हरकतों को दोहराना शुरु कर दिया।

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