क्यों आया इंदिरा को गुस्सा
हुआ कुछ यूं था कि इंदिरा गांधी ( Indira Gandhi ) एक दिन पहले ही शिमला ( Shimla ) पहुंच चुकी थी। हैरान करने वाली बात ये थी कि वो एक दिन पहले महज ये देखने के लिए वहां पहुंची थी कि कहीं बेनजीर भुट्टो और उसके शिष्टमंडल के रहने का इंतजाम ठीक ढंग से किया गया है या फिर नहीं। इंदिरा के सचिव पीएन धर के मुताबिक, इंदिरा वहां आई ओर जब उन्होंने भुट्टो के कमरे में अपनी फोटो लगी हुई देखी तो उन्होंने आसमान सिर पर उठा लिया। इंदिरा यही नहीं रूकी उन्होंने तुरंत अपनी तस्वीर को वहां से हटवाया ताकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति को ये न लगे कि वो लगातार उन पर नजर रखे हुए हैं।
हर जगह का किया मुआयना
इंदिरा गांधी ने कमरे के बाद बेनजीर भुट्टो ( Benazir Bhutto ) के टॉयलेट का मुआयना किया। हालांकि, यहां वो गुस्सा नहीं हुई क्योंकि यहां के इंतजाम उन्हें अच्छे लगे। साथ ही वो ये देखकर खुश भी हुई कि प्रसाधन की सारी चीजें भारती की बनी थीं। सचिव पीएन धर ने अपनी किताब ‘इंदिरा गांधी द एमरजेंसी एंड इंडियन डेमोक्रेसी’ में लिखा कि ‘इंदिरा गांधी ने टिप्पणी की भुट्टो को पता होना चाहिए कि भारत की अर्थव्यवस्था लोगों की जरूरतें पूरा करने में सक्षम है। वहीं इस शिमला संधि की ये बात भी पूरी तरह सच है कि पाकिस्तान ने महज तब तक ही इस संधि पर अमल किया जब तक उसके युद्धबंदी लौट नहीं गए और कब्जा की गई जमीन उसे वापस नहीं मिल गई। इसके बाद तो पाक ने अपनी नापाक हरकतों को दोहराना शुरु कर दिया।