कई बार हम मार्केट से लैपटॉप, मोबाइल या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खरीदते हैं। उसमें कोई मामूली खरोंच होती है या किसी कारण से वह सही काम नहीं कर पाता है तो गारंटी पीरियड में ही कंपनी उसे रिप्लेस करके हमें उसके बदले में नया उपकरण दे देती है। इसके बाद जिन आइटम्स को हमने वापिस कंपनी को दिया है, वे कंपनी की वर्कशॉप में जाते हैं, वहां उन्हें फिर से पूरी तरह चैक किया जाता है और जो भी कमियां उनमें मिलती हैं, उन सबको सही करके वापिस मार्केट में रिफर्बिश्ड आइटम के रूप में बेचा जाता है। कंपनी की नजर में ये उपकरण उपभोक्ताओं द्वारा एक बार प्रयोग में लिए जाने के कारण पुराने हो चुके हैं इसलिए कंपनी उन उत्पादों को नए उत्पाद की तुलना में बहुत कम दामों में बेचती है। हालांकि उन पर वारंटी नए उत्पाद के समान ही मिलती है।
बचत के लिए…
रिफर्बिश्ड उत्पाद को खरीदने का सबसे पहला कारण है कि इससे आपके पैसे बचते हैं। उदाहरण के लिए अगर नया लैपटॉप आपको 40,000 रुपए में मिल रहा है तो रिफर्बिश्ड लैपटॉप आपको 15 से 25 हजार रुपए में मिल सकता है।
दूसरा कारण यह है कि ब्रांड न्यू प्रोडक्ट की तुलना में रीफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स को ज्यादा कड़ी जांच से गुजरना होता है ऐसे में ये परफेक्ट बन जाते हैं और नए उत्पादों की तुलना में लंबे समय तक सही तरह से काम करते हैं। साथ ही रिफर्बिश्ड लैपटॉप में वारंटी भी होती है जो पुराने यूज्ड लैपटॉप के साथ नहीं मिलती।
पुराने लैपटॉप की तुलना में रिफर्बिश्ड लैपटॉप में निर्माता कंपनी ब्रांडेड सॉफ्टवेयर्स भी उपलब्ध करवाती हैं। इस तरह आप महंगे सॉफ्टवेयर भी रिफर्बिश्ड लैपटॉप के साथ निशुल्क पा सकते हैं जो यूज्ड लैपटॉप के साथ नहीं मिलते।
किसी भी रिफर्बिश्ड उत्पाद को खरीदते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहली बात तो यही है कि आपको उसे लेने से पहले चला कर चैक कर लेना चाहिए ताकि बाद में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आए।
पूरी दुनिया में रिफर्बिश्ड उत्पादों का बाजार लगभग 7.50 खरब रुपए का है। भारत में भी रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ रहा है। कई लोग सोचते हैं कि रिफर्बिश्ड उत्पाद पुराने और वेस्ट आइटम होते हैं। यह गलत धारणा है। किसी भी नए उत्पाद की तुलना में ये ज्यादा कड़ी जांच-परख से गुजरते हैं, इसलिए इनकी लगभग हर छोटी-बड़ी कमी दूर हो जाती है। इसी कारण ये नए उत्पाद की तुलना में ज्यादा परफेक्शन से काम करते हैं। इनके बारे में एक मिथ यह है कि ये घटिया क्वॉलिटी होते हैं। इसके विपरीत बहुत बार तो इन उत्पादों पर केवल खरोंच मात्र ही होती है जिसके कारण कंपनी को इन्हें सस्ते दामों में बेचना पड़ता है। नए उत्पादों की तुलना में कंपनी इन्हें कस्टमाइज करने की सुविधा देती है। आप उपयोग के अनुसार इनमें रैम, हार्डडिस्क या लैपटॉप की स्क्रीन साइज चुन सकते हैं।