रविवार के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त हो साफ-सुथरे कपड़े पहन कर आप एक सात्विक स्थान (घर के पूजा कक्ष या मन्दिर में) एक आसन पर बैठ कर मां गायत्री को प्रणाम करें। इसके बाद अपने इष्ट देव तथा गुरुजनों को प्रणाम कर अपने माता-पिता से मन ही मन आशीर्वाद लें। देसी घी का दीपक जलाएं, फूल, माला, मिश्री आदि चढ़ाएं। तत्पश्चात आप गायत्री की 11 मालाएं जपें। माला जप के बाद आप मां गायत्री से अपने कष्टों के निवारण की प्रार्थना करें। इस तरह आपको अगले 31 दिनों तक लगातार करना है।
वैसे तो इस प्रयोग को किसी शुभ मुहूर्त में ही शुरू करना चाहिए परन्तु आप चाहे तो इस प्रयोग किसी भी दिन आरंभ कर सकते हैं। जितने दिन आप मंत्र जप करेंगे, उतने दिन आपको किसी जानवर को कुछ भोजन देना है। चाहे तो चींटियों को दाना डालें, चिड़ियाओं को दाना डाल दें या गाय को रोटी खिला दें। इसी तरह किसी भी महिला, बच्चे तथा वृद्ध का अपमान नहीं करेंगे। इसके अलावा आपको पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना है।