व्यक्तिगत छवि और पार्टी के खिलाफ फैलाई जा रही ऐसी फर्ज़ी खबर को लेकर खुद रमेश बिधूड़ी भी काफी दिखे। इस बाबत उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर दो पोस्ट डाली हैं। एक पोस्ट में उन्होंने उस फर्ज़ी अखबार की कटिंग को लगाया है और दूसरे में उन्होंने खुद अपने क्षेत्रवासियों को वीडियो संदेश के ज़रिए सफाई दी है।
बीजेपी सांसद ने अपनी पोस्ट में कहा कि, ”सत्ता की लोलुपता में लोग कितना गिर सकते हैं। अभी मुझे जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर मेरे नाम से यूपी-बिहार निवासियों के लिए बयान दिया बताया, जबकि न किसी अखबार का नाम दिया गया और न छापने वाले का। ऐसा 25 जून को भी अखबार की फ़र्ज़ी कटिंग को आप के प्रवक्ता ने चलाया था। परिणाम स्वरूप सार्वजनिक तौर पर उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी, क्योंकि तब जनसत्ता अखबार का नाम दिया था। जिसे अखबार ने नकार दिया था। अब अखबार का नाम ही नहीं है। इसी प्रकार 2014 चुनाव में भी मेरे खिलाफ संगीन अपराधों की झूठी बयानबाजी व छवि धूमिल करने की कोशिश की, जिसका मानहानि केस केजरीवाल जी भुगत रहे हैं। दिल्ली देश की राजधानी है यह सबकी है, हम देश जोड़ने वाले हैं तोड़ने वाले नहीं। दिल्ली यूपी बिहार के सम्मानित वासियों के साथ सवा सौ करोड़ भारतीयों की है।”
इसके अलावा रमेश बिधूड़ी ने कहा कि ये काम निश्चित रूप से उनके विरोधियों का है, जो उनकी छवि धूमिल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।