याचिकाकर्ता ने लॉकडाउन में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को सुरक्षा देने और उनके लिए अलग रहने की व्यवस्था किए जाने की मांग की है। इतना ही नहीं संस्था का यह भी कहना है कि लॉकडाउन में अगर किसी महिला को मदद की जरूरत हो तो उन्हें जल्दी राहत पहुंचाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) भी मुहैया कराया जाना चाहिए। जिसमें वो किसी भी समय सहायता मांग सके। इसके अलावा ऐसे मुश्किल दौर में उनका दिमागी संतुलन बना रहे। इसके लिए भी एक हेल्पलाइन नंबर दिया जाना चाहिए जिसमें महिला और बच्चों की काउंसलिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने चाहिए।
मालूम हो कि 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से घरेलू हिंसा के मामले में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही देशभर में बच्चों के शोषण के मामले भी काफी बढ़े हैं। इस पर रोक लगाए जाने के लिए याचिकर्ता ने कोर्ट से मदद की गुहार लगाई हे।