काफी स्वाभिमानी होता है चातक
चातक पक्षी सिर्फ बारिश के पानी को ही पीता है। अगर ये पक्षी काफी प्यासा है और इसे साफ पानी की झील में डाल दिया जाए, तब भी ये अपनी चोंच पानी पीने के लिए नहीं खोलेगा। कहा जाता है कि यह पक्षी प्यारा मर जाएगा लेकिन बारिश के अलावा कहीं और पानी नहीं पीता है। पानी पीने के मामले में यह पक्षी काफी स्वाभिमानी है। बारिश के अलावा दूसरे किसी तरीके से जल ग्रहण नहीं करता है।
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स्वाति नक्षत्र में बरसने वाले पानी को पीता है
चातक पक्षी सिर्फ एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में पाया जाता है। भारत में ये पक्षी मुख्यतः उत्तराखंड में पाया जाता है। गढ़वाल में इस पक्षी को चोली नाम से पुकारते है। बारिश में भी ये पक्षी सिर्फ स्वाति नक्षत्र में बरसने वाले जल को ही पीता है।
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जानिए अन्य विशेषता
इस पक्षी को राजस्थान में मघवा और पपिया के नाम से जाना जाता है। ये प्यासा मर जाएगा लेकिन दूसरे किसी तरह से पानी नहीं पीता है। इस पक्षी के बारे में लोगों कहते है कि ये सिर्फ आकाश में टकटकी लगाए रहता है। चातक लगभग 15 इंच लंबा काले रंग का पक्षी है, जिसका निचला भाग श्वेत रहता है। चातक का मुख्य भोजन कीड़े मकोड़े और इल्लियाँ हैं। चातक कुक्कू कुल का प्रसिद्ध पक्षी है। वह अपनी चोटी के कारण इस कुल के अन्य सब पक्षियों से अलग नजर आता है।