अनेक बीमारियों से लडने की क्षमता समाज में इसी तरह पैदा होती है। इसके पीछे का वैज्ञानिक सिद्धांत यह है कि यदि समाज में बड़ी संख्या में ऐसे लोग होंगे, जिनके शरीर में प्रतिरक्षण क्षमता है, तो वे ऐसे व्यक्तियों तक रोग को जाने ही नहीं देंगे, जो प्रतिरक्षित नहीं हैं। महामारी विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ इसके लिए ‘बेसिक रिप्रोडक्टिव नम्बर (RO)’ की गणना करते हैं। यानी एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर कितने व्यक्ति बीमार हो सकते हैं। वैज्ञानिक सिद्धांत है कि खसरे से पीडि़त एक व्यक्ति 12-18 व्यक्तियों तक और इंफ्लूएंजा से पीडि़त व्यक्ति 2 से 5 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
‘हर्ड इम्यूनिटी’ सिद्धांत वैक्सीनेशन या टीकाकरण से जुड़ा है। टीकाकरण का उद्देश्य बड़ी संख्या में लोगों के शरीर में प्रतिरक्षण पैदा करना होता है। इसके बाद बाकी लोगों का टीकाकरण न भी हो, तब भी बीमारी नहीं फैलती।