नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में इन्फेक्शस डिजीज के प्रमुख एंथोनी फॉसी ने मीडिया को बताया कि हाल ही में मिली सूचनाओं के आधार पर ये बात सामने आई है कि कफ और खांसने ( Coughing ) के अलावा ये वायरस सिर्फ बात करने से भी फैल सकता है।
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इसलिए एंथोनी फॉसी ने बीमार लोगों के अलावा आम लोगों से भी मास्क पहनने की अपील की। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ने भी व्हाइट हाउस को एक पत्र लिख कर इस रिसर्च के बारे में बताया था। हालांकि एनएएस का कहना था कि इस शोध के नतीजों के बारें में अभी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।
अभी तक के अध्ययन के अनुसार ये वायरस हवा में भी फैल सकते हैं। इससे पहले अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियों का कहना था कि कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के ड्रॉपलेटस के जरिए ही ये बीमारी फैल रही है। हालांकि कई वैज्ञानिकों ने इस स्टडी की आलोचना भी कर रहे हैं।
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इस बारे में कुछ वैज्ञानिकों ( Scientists ) का कहना है कि अध्ययन ( Study ) के लिए रिसर्च टीम ने नेबुलाइजर मशीन ( Nebulizer Machine ) का इस्तेमाल किया, ताकि जानबूझकर वायरल धुंध बनाई जा सके जबकि स्वाभाविक रूप से ऐसा संभव नहीं है।