सुल्तानशशी (हैदराबाद)
हैदराबाद के सुल्तानशशी में सबसे ज्यादा टानेटोके होने है। यहां कुछ ऐसे बाबा रहते हैं जो शादी के बाद आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए महिलाओं से सेक्स करते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि यहां काला जादू करने वाली महिलाएं भी होती है जो परेशानी का सॉल्यूशन के लिए खुद के लड़के से सेक्स करने के लिए कहती हैं।
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पेरिंगोटुकारा (केरला)
केरल के छोटे से गांव त्रिशूर में भी काले जादू किए जाने है। यहां के काला जादू को देखने के लिए टूरिस्ट आते हैं। यहां चट्टान और कुट्टिचट्टन को विष्णु का अवतार मानते हैं जो भैंस की सवारी करते हैं और जीवन की परेशानियों को दूर करते हैं।
मोघुलपुरा, छतरिंका और शाहिलबंदा, (पुराना हैदाराबाद)
अंधविश्वास और काला जादू आपको पुराने हैदराबाद में भी देखने को मिलेगा यहां इनको प्रोफेशन बना लिया गया है। काला जादू करने वाले लोग पीड़ितों की भावनाओं से खेलते हैं। वे दावा करते हैं कि लकड़ी की गुड़िया की पूजा कर वे उनकी सभी तरह की परेशानियों को दूर कर देंगे।
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वाराणसी शमशान, (उत्तरप्रदेश)
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काला जादू करने वाले तांत्रिक साधु अघोरी के नाम से जाने जाते है। ये यहां के शमशान घाट पर तंत्र साधना करते हैं। ये तांत्रिक कहते हैं कि ये काला जादू शिव भगवान, काली माता को खुश करने के लिए करते हैं ताकि वे उन्हें ज्यादा पावरफुल बना दें।
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निमतला घाट (कोलकाता)
कोलकाता के निमतला घाट पर काला जादू करने के संकेत मिलते हैं। रात के समय में यहां पर अघोरी आकर काले जादू की प्रेक्टिस करते हैं। यहां शमशान में भी अघोरी देर रात को जाकर चिता के जलने के बाद बचे हुए मांस को खाते हैं और इसे शक्तियां पैदा करने के लिए जरूरी बताते हैं।
मेयोंग (असम)
असम का मायोंग गांव में काला जादू किया जाता है। इस गांव का नाम लेने से भी आसपास के गांव वाले डरते हैं। यहां के हर घर में आज भी जादू किया जाता है। मान्यता है कि पूरे विश्व में काले जादू की शुरुआत इसी जगह से हुई है।