बाबा का ढाबा के मालिक ने मांगी माफी, कहा- चोर नहीं था यूट्यूबर गौरव
बाबा का ढाबा संचालक कांता प्रसाद का एक ताजा वीडियो वायरल हुआ है। इसमें कांता प्रसाद उन्हें मशहूर करने वाले यूट्यूबर गौरव वासन से हाथ जोड़कर माफी मांगते नजर आ रहे हैं।
Baba Ka Dhaba Owner Kanta Prasad apologies, Youtuber Gaurav Wasan is not a thief
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मालवीय नगर में मशहूर हुए ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी ने एक वायरल वीडियो के जरिये उनके ढाबे के खराब हालात को उजागर करने वाले YouTuber गौरव वासन से माफी मांगी है।
पिछले साल सामने आए वीडियो के जरिये रातोंरात मशहूर होने के बाद, कांता प्रसाद ने एक नया रेस्तरां खोला और अपने सभी कर्जों को निपटाने और अपने और परिवार के लिए स्मार्टफोन खरीदने में सक्षम था। हालांकि, उसका रेस्तरां असफल रहा और फरवरी में बंद हो गया, जिससे वह और उसकी पत्नी एक बार फिर अपने सड़क किनारे वाले पुराने ढाबे पर लौट आए।
अब वायरल हुए एक इंस्टाग्राम वीडियो में कांता प्रसाद हाथ जोड़कर कहते नजर आ रहे हैं कि गौरव वासन (यूट्यूबर) ना तो चोर था और न ही उन्होंने इस बात का दावा किया था। प्रसाद आगे कहते हैं कि उनका यह कहना गलत था, “मैंने यह कहकर गलती की कि ‘मैंने उन्हें फोन नहीं किया लेकिन उन्होंने खुद हमसे संपर्क किया,’ मैं माफी मांगना चाहता हूं।”
पिछले साल मिली जबर्दस्त सफलता के बाद प्रसाद ने नया रेस्तरां खोलने के लिए 5 लाख रुपये का निवेश किया और तीन कर्मचारियों को काम पर रखा। कुछ वक्त तक ठीक-ठाक काम चलने के बाद रेस्तरां में आने वाले ग्राहकों की संख्या काफी कम हो गई और प्रसाद को इसे बंद करना पड़ा।
मीडिया से बातचीत में कांता प्रसाद ने बताया, “हमारी औसत मासिक बिक्री कभी 40,000 रुपये से अधिक नहीं हुई। मुझे सारा नुकसान उठाना पड़ा। अंत में मुझे लगता है कि हमें एक नया रेस्तरां खोलने की गलत सलाह दी गई थी। 5 लाख रुपये के कुल निवेश में से हम रेस्तरां बंद होने के बाद कुर्सियों, बर्तनों और खाना पकाने की मशीनों की बिक्री से केवल 36,000 रुपये की वसूली करने में सफल रहे।”
बता दें कि Youtuber गौरव वासन वह व्यक्ति थे जिन्होंने एक Youtube वीडियो के माध्यम से कांता प्रसाद के ढाबे की खराब स्थिति को उजागर किया था। हालांकि, प्रसाद ने बाद में वासन और उसके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से दान में मिले पैसे के दुरुपयोग के लिए धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि वासन ने जानबूझकर केवल अपने और अपने परिवार/दोस्तों के बैंक विवरण और मोबाइल नंबर दाताओं के साथ साझा किए और शिकायतकर्ता को कोई जानकारी प्रदान किए बिना भुगतान के विभिन्न तरीकों यानी बैंक खाते/वॉलेट के माध्यम से बड़ी मात्रा में दान इकट्ठा किया।
बाद में, वासन ने धोखाधड़ी के सभी आरोपों का खंडन किया था और प्रसाद के बैंक खाते में लेनदेन को साबित करने के लिए बैंक स्टेटमेंट भी पेश किए थे। सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर ढेरों वीडियो, लाखों कमेंट्स मौजूद हैं।